
हेलो दोस्तों , Tiger in Hindi के इस informative आर्टिकल में आपका स्वागत हे। मनुष्य और जंगल का सम्बन्ध प्राचीनकाल से बहुत ही गेहरा हे। जितना प्रकृति से मनुष्य ने जितना सीखा हे शायद ही किसी इंस्टिट्यूट से सीखा होगा। क्यूंकि जंगल मनुष्य का दूसरा घर नहीं बल्कि उत्पति का स्थान हे । और जहा से मनुष्य की शुरुआत हुई हे ऐसे प्रकृति के स्वरुप जंगलो और उनमे रहने वाले प्राणिओ की रक्षा करना इंसानियत के नाते हमारा कर्त्तव्य बन जाता हे।
और इन्ही जंगलो को बचाने के लिए बाघ की प्रजातिओ(Tiger in Hindi) को लुप्त होने से रोकने के कई प्रयाश किया जाते हे। कई प्रकृति संरक्षक के मत के मुताबिक बाघ को बचाना इतना ही जरुरी हे जितना जरुरी देश की सरहद पर सेना का तैनात होना।
बाघ को बचाना इतना क्यों जरुरी हे ?
देखिये, आपने पर्यावरण के विषय में फ़ूड चैन (खाद्य श्रृंखला) के बारे में सुना ही होगा। ये फ़ूड चैन में बाघ सबसे ऊपर के स्थान पर आता हे। और बाघ फ़ूड चैन में उसके निचे रहने वाले प्राणी जो जंगल में पेड़ पौधे को खाकर जीते हे उन्हें खाता हे ।

सोचिये अगर फ़ूड चैन में से बाघ ही ख़तम हो गया तो क्या हालत हो जाएगी ? हिरन जैसे प्राणिओ आबादी बढ़ने से पेड़ पौधे जल्दी ख़तम हो जायेंगे। पेड़ पौधे के ख़तम होने से पयावरण में कितनी समस्याए खड़ी हो सकती हे आप शायद जानते ही होंगे।
पेड़ पौधे के महत्व के बारे में मेने बहुत ही महत्वपूर्ण आर्टिकल लिखा हे तो आप लिंक पे जाकर पढ़ सकते हे।
पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए जरुरी बाघ हमारे देख का गर्व हे। बाघ(Tiger in Hindi) हमारा राष्ट्रीय प्राणी भी हे। तो हमें इस अनोखे प्राणी के बारे में जानकारी तो होनी ही चाहिए। Tiger in Hindi आर्टिकल में हम बाघ की जीवन शैली, रोचक तथ्य और उनकी प्रजातियां और टाइगर रिज़र्व से जुडी हर एक जानकारी प्राप्त करेंगे जिसमे आपको यक़ीनन दिलचस्प जानकारी जानने को मिलेंगी। तो चलिए लगे बढ़ते हे।
बाघ के बारे में जानकारी (About Tiger in Hindi)
Panthera tigris बाघ का साइंटिफिक नाम हे । बाघ एक बिल्ली के प्रजाति का ही प्राणी हे। सिंह के आलावा ताकत और क्रूरता में और कोई प्राणी बाघ (Tiger in Hindi) का मुकाबला नहीं कर सकता। बाघ अपनी पूरी रेंज में खतरे में है, जो रशिआ ,उत्तर कोरिया, चीन, भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों से लेकर इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप तक फैला हुआ है। जिसमे सबसे बड़ा साइबेरियन टाइगर देखा जाता हे।

भारत देश की बात करे तो भारत में बेंगाल टाइगर देखा जाता हे। जो दुनिया में बाघ की पूरी आबादी के 70 % से ज्यादा हे। भारत में कई जंगल में बाघ को पाया जाता हे जिसमे सुंदरवन, पश्चिम बंगाल, मध्य भारत और असम, त्रिपुरा के जंगलो को शामिल किया जाता हे।
बाघ की शारीरिक रचना और क्षमता (Anatomy and abilities of tiger in Hindi)
बाघ एक सस्तन प्राणी हे यानि वो बच्चो को जन्म देता हे इंसान की तरह । नारंगी और पिले रंग का ये जानवर के ऊपर काली पत्तिया होती हे ओर ये अगर झाड़िओ में छुप जायेगा तो कोई उसे देख नै पायेगा। तीन से चार इंच के नुकीले दांत उसे शिकार पकड़कर गला घोटने में काम आते हे। 300 किलो तक का वजन होने के बावजूत पिछले दो बड़े पेरो की मदद से ये 25 से 30 फुट तक की छलांग लगा सकता हे ।

(tiger in Hindi ) बाघ की गर्जना 3 किलोमीटर दूर तक सुनाइ देती हे। और उसकी रफ़्तार का तो क्या ही कहना 45 से 65 km /h की रफ़्तार से ये दौड़ सकता हे। लेकिन भारी शरीर होने के कारन ये जल्दी ही थक भी जाता हे। इनकी आयु 10 से 15 साल तक की होती हे। बिल्ली के परिवार से नाता रखने के कारन ये भी रात को देख सकते हे और बिल्ली की तरह ही चालक और बुद्धिमान भी होते हे।
बाघ की जीवन शैली (Lifestyle of tiger in Hindi)
बाघ (Tiger in Hindi)ज्यादतर रातको शिकार करते हे और अलग अलग प्राणी पर शिकार करते हे। जयादातर हिरन और जंगली सूअर जैसे प्राणिओ का शिकार करते हे और बड़े प्राणिओ का शिकार करना टालते हे पर कई बार हाथी और भेंस पर भी हमला करते हुए देखे गए हे। शिकार का उपभोग करने के बाद बाकि शेष वह छुपा देते हे। ताकि गिध और अन्य प्राणी से बचाकर रखा जा सके और कुछ दिनों तक उन्हें शिकार करने की जरुरत न पड़े। बाघ ना सिर्फ शिकार की आबादी को कम करने में मदद करता हे बल्कि उसके जैसे अन्य शिकारिओं की आबादी को भी नियंत्रित करता हे।
कोई निश्चित प्रजनन काल नहीं है हालांकि, सर्दियों में संभोग की प्रबलता प्रतीत होती है, बच्चे तीन महीने से अधिक की गर्भधारण अवधि के बाद पैदा होते हैं। सामान्य तोर पर बच्चो की संख्या दो से चार होती है, हालांकि कई बार सात तक दर्ज किए गए हैं। वे अंधे पैदा होते हैं, और जब उनकी आंखें खुलती हैं, तब भी छह से आठ सप्ताह तक स्पष्ट दृष्टि नहीं होती हे। जब वह छोटे होते हे तो माँ के द्वारा उन्हें प्रशिक्षण मिलता हे और एक या दो साल के बाद वह माँ पिता से अलग हो जाते हे।
शिकार को पकड़ने के कौशल सभी बाघ (Tiger in Hindi) में अलग अलग होते हे। कुछ शिकार करने में काफी प्रवीण होते हे जब की कुछ बाघ को कई बार भूखा भी रहना पड़ता हे। अकेले जानवरों के रूप में, बाघ (विशेष रूप से नर) अपने स्वयं के क्षेत्रों की स्थापना और रखवाली करते हैं । जिसका कद और प्रकृति शिकार की संख्या, वितरण और क्षेत्र में अन्य बाघों की उपस्थिति के साथ भिन्न होती है।
बाघ की उप-प्रजातिआँ (Subspecies of tiger in Hindi)
1. साइबेरियन बाघ (Siberian Tigers)

साइबेरियन, या अमूर, बाघ (पी। टाइग्रिस अल्टाइका) सबसे बड़ा है, जिसकी कुल लंबाई 4 मीटर (13 फीट) तक है । बाघ की सबसे बड़ी उप-प्रजाति साइबेरियन है, जिसका औसत वजन 305 किलोग्राम तक होता है ! उत्तर कोरिया और उत्तरपूर्व चीन के आलावा ये रशिया ने भी पाया जाता हे। रशिया में इस बाघ के संरक्षण के लिए कई कदम उठाए गए हे जिससे वहपे कम हो रही इन प्रजाति के बाघ ( Tiger in Hindi)की संख्या अब बढ़ रही हे।
2. बंगाल टाइगर (Bengal Tiger)

भारतीय, या बंगाल, बाघ (पी. टाइग्रिस टाइग्रिस) सबसे अधिक है और बाघों की कुल आबादी का लगभग आधा से ज्यादा हे। जिसको रॉयल बंगाल टाइगर के नाम से भी जाना जाता हे।नर मादा से बड़े होते हैं और लगभग 1 मीटर की पूंछ को छोड़कर, लगभग 1 मीटर की कंधे की ऊंचाई और लगभग 2.2 मीटर की लंबाई प्राप्त कर सकते हैं; वजन 160-230 किलोग्राम (350-500 पाउंड) है, और दक्षिण के बाघ उत्तर की तुलना में छोटे हैं। भारत के आलावा ये नेपाल , भूटान और बांग्लादेश में पाए जाते हे। भारत में बंगाल टाइगर की हालही में संख्या 3000 से ज्यादा हे।
3. इंडोचाइनीज बाघ (Indochinese Tiger)

इंडोचाइनीज बाघ के शिकार और उनके निवास स्थान के ख़त्म होने के कारण इन प्रजाति के बाघ की संख्या 350 के आसपास ही रह गयी हे। नर बाघ की लम्बाई 250 सेंटीमीटर के करीब ओट मादा की 240 सेंटीमीटर तक होती हे। नर बाघ का वजन 150 से 200 kg तक और मादा बाघ का 100 से 140 kg तक होता हे। इन बाघो का मूल देश दक्षिणपूर्व एशिया के प्रदेशो में हे। जिनमे थाईलैंड , वियतनाम , लाओ ,म्यानमार , और कंबोडिया को शामिल किया जाता हे। जिसमे से सबसे ज्यादा थाईलैंड में 190 से 250 तक पाए जाते हे।
4. मलायन बाघ (Malayan Tiger)

National geographic society के मुताबिक 2004 में DNA टेस्ट के द्वारा टाइगर की नयी प्रजाति को उजागर किया गया जिसका साइंटिफिक नाम पैंथेरा टिगरिस जैक्सनी (Panthera tigris jacksoni) है। जिसे मलायन बाघ भी कहा जाता हे। 190 से 280 सेंटीमीटर तक की लंबाई रखने वाले मलायन नर बाघ 50 से 130 किलोग्राम तक के होते हैं।और 180 से 250 सेंटीमीटर की लंबाई रखनेवाली मादा का वजन 24 से 80 किलोग्राम तक का होता है।
2004 के पहले इस बाघ को इंडोचाइनीज बाघ माना जाता था। ये बाघ मलय प्रायद्वीप और थाईलैंड के दक्षिणी सिरे पर ही पाया जाता हे। 2015 में इन्हे International Union for Conservation of Nature (IUCN) के द्वारा मलायन टाइगर को गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियां में शामिल किया गया था। The Malaysian government और local conservation agencies के द्वारा कई सारे प्रयाश इनकी संख्या को बढ़ाने के लिए किये जा रहे हे।
5. सुमात्रा बाघ (Sumatran Tiger)

सुमात्रा बाघ का साइंटिफिक नाम पैंथेरा टिगरिस सुमात्री’ (Panthera tigris sumatrae) है। सुमात्रा बाघ अभी उपप्रजातिओ में सबसे छोटे हे। संरक्षणवादियों का कहना हे के ये करीब 300 के आसपास ही बचे हे। और लुप्त होने की कगार पर हे। ये ऐसे बाघ हे जो जल्दी से शिकार करना सिख जाते हे। इनकी प्रजाति इतनी पुराणी हे के इनके अवशेष (fossils) इसका सबुत हे के ये 20 लाख साल पुराने हो सकते हे।
ये बाघ इंडोनासियन आइलैंड सुमात्रा के मूल निवासी हे। ये बाघ 65 km /h की गति से दौड़ते हे। शेष सुमात्राण बाघों में से कई राष्ट्रीय उद्यानों जैसे संरक्षित क्षेत्रों में रहते हैं। पार्क रेंजर्स के अवैध शिकार विरोधी गश्ती दल की वजह से उन्हें सुरक्षा मिलती हे ।
6. दक्षिण चीन टाइगर (South China Tiger)

यह बाघ की सभी उप-प्रजातियों में दूसरी सबसे छोटी प्रजाति है जिसका वजन 100 किग्रा – 195 किग्रा के बीच होता है। यह छोटा कद बाघों को अन्य बड़े बाघों की तुलना में अधिक आसानी से घने जंगलों से गुजरने में मदद करता है। बाघ मजबूत, तेज और अन्य बड़े स्तनधारियों जैसे हिरण, जंगली सूअर और मवेशियों का शिकार करने वाला होता है।
बच्चे अपनी मां के साथ लगभग 18 महीने तक रहते हैं, ताकत हासिल करते हैं और शिकार का कौशल सीखते हैं, इससे पहले कि वे अकेले जंगलों में घूम सकें और बाघ के एकान्त जीवन को जी सकें। वे अब केवल चीन और दक्षिण अफ्रीका में कैद में पाए जाते हैं, जिससे उन्हें ‘कार्यात्मक रूप से विलुप्त’ कहा जाता है।
National animal tiger in Hindi
बाघ(Tiger in Hindi) हमारा राष्ट्रीय प्राणी हे ये सब जानते हे पर ऐसा क्यों हुआ जानते हे ? 1973 के पहले हमारे देश का राष्ट्रीय प्राणी शेर हुआ करता था। लेकिंग उस समय में बाघ की आबादी को काम होते हुए देख प्रोजेक्ट टाइगर शुरू किया गया और 1973 में हमारे रॉयल बंगाल टाइगर को हमारे देख का राष्ट्रीय प्राणी घोषित किया गया।
इसके आलावा भी ये प्रजाति 2006 में लुप्त होने के कगार पर आ गयी थी। इस समय में भारत में सिर्फ 1411 ही बाघ बचे थे। लेकिन प्रोजेक्ट टाइगर को ध्यान में रखते हुए बाघ को संरक्षित करने के प्रयास किये गए और जिसकी शुरुआत जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क उत्तराखंड से की गयी। आज के समय में हमारे पुरे देश में बाघ की संख्या 2018 के रिपोर्ट के मुतबिक 2967 हे और वृद्धिदर हर साल का 6 % हे।
प्रोजेक्ट टाइगर के शुरू होने पर सिर्फ 9 रिज़र्व थे। आजके समय में भारत में 53 टाइगर रिज़र्व हे । जिसमे सबसे अधिक बाघों की संख्या 526 मध्यप्रदेश में , 524 कर्णाटक में और 444 बाघ उत्तराखंड में पाई जाती हे। इसके आलावा आंध्रप्रदेश , छत्तीसगढ़ ,आसाम , केरल , महारास्ट , राजस्थान , ओडिशा , पश्चिम बंगाल और अरुणाचल प्रदेश में टाइगर रिज़र्व स्थापित किये गए हे।
बाघ के अद्भुत और रोचक तथ्य (The incredible FACTS of Tiger in Hindi)
- सफ़ेद दिखने वाले बाघ (Tiger in Hindi )कोई अलग प्रजाति नहीं हे पर उन बाघ में आनुवंशिक परिवर्तन(Genetic mutation) की वजह से उनकी त्वचा सफ़ेद देखि जाती हे।
- बाघ ज्यादरार रत को जागने और शिकार करने वाले जानवर होते हे उनको रात्रि दृष्टि होती हे बिल्ली को तरह ये रत के अँधेरे में भी देख सकते हे।
- टाइगर को बिग वाइल्ड कैट कहा जाता हे क्यूंकि बाघ के और बिल्ली के DNA 95 % मिलते झूलते हे।
- आपको ये जानके अजीब लगेगा पर वे अन्य बाघों को बाहर रखने के लिए अपने क्षेत्र को मूत्र से चिह्नित करते हैं।
- वो बहुत बढ़िया स्विमर हे और उन्हें पानी में रहना पसंद हे अगर कोई मगरमच्छ उन्हें पानी में ना घसीटले तो।
- और ये जानवर अपने साथी बाघों से दूर दूर तक संवाद करने के लिए दहाडते हे ना आपको डराने के लिए। वन संरक्षक अधिकारी के मुताबिक बाघ ज्यादातर इंसानो पे हमले नहीं करते जब तक आप ऐसा कोई काम नहीं करे जो उसे डरा दे।
- बाघ के मुँह के ऊपर की काळा रंग की धारिया चिनी अक्षर की तरह दिखाई देती हे और ये सभी में अलग होने के कारन उनके ऊपर से उनको नाम दिया जाता हे जिसे उन्हें पहचान सके।

- इतना ताकतवर और चालाक होने के बावजूत 10 % प्रयत्नों में ही सफलतापूर्वक शिकार कर पाते हे। और कई बार शिकार ना मिलने पर भूखे भी रहते हे।
- पुरे दिन में 16 घंटे तो वो सोने में ही बीतता हे।
- शेर और मादा बाघ के बच्चो को Ligers कहते हे। और नर बाघ और मादा शेर के बच्चे को tigons कहते हे।
- भारत में पहले बंगाल टाइगर की संख्या 40000 से ज्यादा थी जो आजके समय में 3000 के आसपास रह गयी हे।
- भारत ने बाघ को पालतू प्राणी बनाना गैरकानूनी हे।
- उनका शिकार उनकी त्वचा, फर और शरीर के अन्य अंगों के लिए किया जाता है।
- नर बच्चे मादाओं की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ते हैं और अपनी मां को पहले छोड़ने की प्रवृत्ति रखते हैं।
- जब तक मादा बाघ के बच्चे स्वतंत्र नहीं हो जाते, वह बाघिन दोबारा प्रजनन नहीं करती।
Conclusion of Tiger in Hindi (निष्कर्ष)
एशियाई कला और विद्या में हाथी और शेर के बाद किसी भी जंगली जानवर को इतनी बार चित्रित नहीं किया गया है जितना बाघ को किया गया हे। हमारे भारत ने भी यहाँ की संपन्न संस्क्रति और इतिहास , प्रचुरता, राजसी व्यक्तित्व और शारीरिक सुंदरता की वजह से बाघ को हमारा राष्ट्रीय प्राणी माना हे। लेकिन कई बार उनकी शिकार किया जाता हे चंद पेसो के लिए आज भी भारत के कई जगह पे ऐसा होता हे।
कभी वो ट्रैन के निचे आ कर मर जाते हे और कई बार उन्हें खाना न मिलने की वजह से मोत हो जाती हे। लेकिन दूसरी तरफ प्रोजेक्ट टाइगर की मदद से जो प्यार मिला हे हमारे लोगो से वह भी दिखाता हे के कितना सम्मान हम करते हे इस अनोखे प्राणी का। क्यूंकि ये सिर्फ एक प्राणी को लुप्त होने से बचाने की बात नहीं हे परन्तु एक तरह से दुनिया को बदलने की बात हे ।
आशा करता हु की आपको ये Tiger in Hindi एजुकेशनल आर्टिकल पसंद आया होगा । में ऐसे ही इन्फोर्मटिवे ज्ञान आपके साथ बाटता रहूँगा। आप भी ऐसी ज्ञान भरी बाटे अपने दोस्तों के साथ शेयर करे और मुझे बताये कोनसी बात आपको इस आर्टिकल की सबसे दिलचस्प लगी ? धन्यवाद
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