the importance of trees
the importance of trees जानना बहुत ज़रूरी हे। जब 4.5 अरब साल पहले सोलर मंडल में पृथ्वी का जन्म हुआ तब पेड़ो का भी अस्तित्व नहीं था और नाहीं कोई जीव, जंतु या प्राणी का। जैसे पृथ्वी पर पेड़ो की की संख्या बढ़ती गयी वैसे जंगलो का निर्माण हुआ। और जंगल में रहने वाले प्राणिओ और पक्षी सभी पेड़ो के ऊपर आधारित थे। वैसे ही मानव सभ्यता का जन्म भी पेड़ो की वजह से ही हुआ।
the importance of trees जानना इसलिए जरुरी हे क्यूंकि बिना पेड़ो के जीवन की कल्पना करना संभव नहीं हे। पेड़ हमें छाव , खाना , सुध्ध हवा और ऑक्सीजन, दवा और औषधिया, और पर्यावरण के अनेक फायदे दिलाता हे। तभी तो हर देश की गवर्नमेंट अपने देश के विस्तारों में जंगलो और पेड़ो का प्रमाण बनाये रखने के प्रयाश करते रहते हे।
हम आज पेड़ हमें प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से कैसे फायदे पहुंचआते हे और उनको बचाना क्यों इतना ज़रूरी हे उसके बारे में गहराई से जानेंगे ।
1. पेड़ो का पारिस्थितिक पर्यावरण में महत्व (the value of trees in ecology) :
पेड़ एक कुदरती फ़िल्टर की तरह काम करता हे। हवा को शुद्ध करता हे, ऑक्सीजन को छोड़ता हे , कार्बन डाइऑक्साइड(co2 ) को कम करता हे जिसकी वजह से हवा का तापमान भी कम रहता हे। U.S. Department of Agriculture के मुताबिक एक एकड़ जितना जंगल का विस्तार 6 टन जितना CO2 लेके 4 टन जीतना ऑक्सीजन छोड़ता हे। इसके आलावा पेड़ हवा मे से धूल और हानिकारक तत्त्व जैसे कार्बनमोनोक्साइड को दूर करता हे और हवा को शुद्ध करता हे।( the importance of trees )
पेड़ जल चक्र को बनाए रखने में मदद करता हे। जल चक्र ऐसा चक्र हे जिसमे बारिश गिरने पर पानी पेड़ो के माध्यम से जमिन में जाकर पेड़ो के द्वारा वापिस हवा में जाता है।

और ये चक्र चलता ही रहता हे। एक पेड़ हर दिन लगभग 1000 से 1500 लीटर इतना पानी हवा में छोड़ता रहता हे। जिसके वजह से पेड़ हवा में नमी बनाये रखने का काम करता रहता हे। अगर जंगलो को कटा जाए तो जल चक्र में रूकावट आ सकती हे और इसलिए हमें पेड़ को कटने से बचाना चाहिए।
इसके आलावा पेड़ के पते जमीन पर गिरकर जमीन में मिलकर जमीन को पोषणयुक्त बनाती हे। और आप शायद जानते नहीं होंगे पर पेड़ अपने जड़ो के द्वारा भी जमीन के अंदर के पोषकतत्वों को खींचकर बाहार की जमींन को पोषणयुक्त बनाती हे। मतलब अगर मिटटी को शुद्ध रखना चाहते हो तो भी पेड़ की रक्षा करो।

बहोत तेज़ हवा और पानी के कारण जमीन धूल जाती हे और उससे जमीन का अपक्षरण हो जाता हे। जिससे जमीन के ऊपर की मिटटी उड़ जाती हे और जमीन रेगिस्तान बन जाती हे लेकिन पेड़ की वजह से पानी और हवा का बहाव रुक जाता हे और जमीन का अपक्षरण नहीं होता।
पेड़ (the importance of trees )जमीन की मिटटी को भी शुद्ध करता हे। पेड़ मिटी मेसे कार्बन और अन्य हानिकारक तत्वों को दूर कर कर दूसरे पोंधो को विकसित होने में मदद करता हे। जो जमीन में ज़्यादा पेड़ होते हे वहा जमीन की फसक में इज़ाफ़ा होता हे। क्यूंकि वहा की जमीन पेड़ो की वजह से शुद्ध और फलद्रुप होती हे। और जितनी ज़्यादा फसल उतना ही कम जमीन इंसानो के काम आएगी।
इसके आलावा वन्यजीव सबसे ज़्यादा पेड़ो के सहारे ही जी रहे होते हे। तरह तरह के पक्षी ,जिव-जन्तु, और कई सारे प्राणी जो मुलभुत रूप से वन में ही रहते हे। कई सालो से उन्होंने जंगल के पर्यावरण को अपनाया हे। जिराफ और हाथी जैसे प्राणी पोषण के लिए पेड़ के पान को खाते हे। और बाकि प्राणी बड़े प्राणिओ से बचने के छुपने के काममे अपनी सुरक्षा के लिए पेड़ो को उपयोग में लेते हे। जबकि कई सारे पक्षी पेड़ को अपना घर बनाकर रहते हे। एक परिपक्व oak tree लगभग 500 जैसे पक्षी की जातिओ का घर हो सकता हे।(the importance of trees )
हमारे रास्ट्रीय प्राणी बाघ के बारे में भी मेने विस्तृत आर्टिकल लिखा हे तो आप उसे भी पढ़ सकते हे।
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सोचिए ऐसे एक पेड़ को काट दिया जाये तो कितने पक्षी अपना घर खो बैठेंगे । इसलिए तो डेफोरेस्टेशन (जंगलो का नाश ) के खिलाफ जागृत लोग आवाज़ उठा रहे हे। हाल ही में इंडिया की बात करे तो गोवा में डेफोरेस्टशन किया जाने लगा हे जिसमे कई पर्यावरणविद् वहा पे बनाये जाने वाले डबल रेलवे ट्रैक , हाई वे और पावर प्लांट के लिए होने वाले डेफोरस्टेशन का विरोध कर रहे हे। अगर इसके बारे में आप ज़्यादा जानना चाहते हो तो Indian express का ये आर्टिकल ज़रूर पढ़े।
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2. पेड़ के खाद्यपदार्थ और औषधी का महत्व ( the significance of trees in terms of medicine and food)

हमारे जीवन में हम रोज जो भी खाना खाते हे उसका लगभग पूरा हिस्सा पेड़ो से ही आता हे। हमारे शरीर की न्यूट्रिशन (पोषकतत्वों) की पूर्ति पेड़ ही कर सकता हे। पेड़ मेसे हमें फल , फूल , कई तरह की सब्जिया खाने को मिलती हे। फूल में से कई तरह के शरबत बनते हे। कई तरह के मसाले और कई तरह के सूखे मेवे नट्स मिलते हे।
सुबह सुबह चाय तो आप पिते ही होंगे। नहीं तो फिर कॉफ़ी पिते होंगे और अगर नहीं तो बचपन में चॉकलेट तो खायी होंगी जिहा चॉकलेट में कोको पॉवडर का उपयोग हुआ होता हे और उसका भी पेड़ होता हे। ( the importance of trees )

और इसी तरह इंसान के खाने का सबसे बढ़िया स्रोत पेड़ ही हे। पेड़ में ही इतनी ताकत हे के अगर सब वेजीटेरियन ही होते तो भी हम सब के खाने की मांग को पूरा कर सकता।
आज के समय में लोग स्वास्थ्य को लेकर काफी ज़्यादा जागृत हे। इसलिए लोग जंक फ़ूड और फ़ास्ट फ़ूड की जगह पे प्लांटबेस्ड यानि की पेड़ से मिलने वाले फ़ूड को खाना ज़्यादा पसंद करते हे। क्यों की अगर आप भी पेड़ से मिलने वाले फल और वेजिटेबल जितना हो सके उतना कच्चा खाएंगे उतना ही मोटापे के जैसे प्रॉब्लम से दूर रहेंगे और उसके साथ जुड़े हुए सभी रोगो से। (the importance of trees)
आज कल बढ़ते रोगो के चलते हम पेड़ो से मिलने वाली औषधियों गुणों के बारे में कैसे भूल सकते हे। पेड़ दवाइआ और औषधिओ का बहोत बड़ा स्रोत हे जिससे कई सारी बिमारिया और दर्द को ठीक कर सकता हे। ऐतिहासिक दृष्टि से कई सालो से केवल भारत में ही नहीं बल्कि कई सारे देशो में लोग जंगलो में से मिलनी वाली औषधीया का उपयोग हेल्धी रहने के करते आ रहे हे।

लगभग 50000 पेड़ो की जातिओ का उपयोग दवाइआ बनाने के लिए होता हे। और इस फार्मास्यूटिकल दवाइओ का व्यापार पूरी दुनिया में होता हे। इन औषधीय वनस्पति का उपयोग परम्परागत दवाइए जैसे आयुर्वेद और आजकी आधुनिक दवाइओ में होता हे। तो आप अंदाज़ा लगा सकते हे के कई सारे रोगो का उपचार करने में पेड़ो का कितना ज़्यादा महत्व हे। पेड़ो के बिना हम जिन्दा भी नहीं रह सकते ये कहना भी एक तरह से गलत नहीं होगा।
(the importance of trees )पेड़ो के पतियों में औषधीय बनाते हुए कई बार मूवी में आपने देखा होगा या उसके बारे में बहुत जगह पे सुना और पढा भी होगा लेकिंग ऐसा नहीं हे। पेड़ो की छाल, पेड़ की जड़ो में से ,पेड़ की लकड़ी में से , पत्तिओ में से , फूल में से , फल में से और उनके बीज में से भी औषधियों को बनाई जाती हे। कभी कभी इन सब चीज़ो का उपयोग दर्द को ख़तम करने के लिए भी किया जाता हे।
ऐसी ही कुछ औषधि वनस्पति :
- भूर्ज वृक्ष : इस वृक्ष से पहले चाय बनाई जाती थी और इसको मुँह के छाले को मिटाने के काम में लिया जाता हे।
- नम्रा वृक्ष : इस पेड़ की छाल का उपयोग बुखार और सूजन को मिटने के लिए किया जाता हे। ये हार्ट को बीमारी से रोकता हे।
- एलोवेरा : एलोवेरा के जेल को लगाए से जलन दूर होती हे , ये शरीर को सूर्य से चमड़ी को बचाता हे, इसका सेवन करने से ये वजन घटने के काम आ सकता हे। और तो और ये त्वचा के लिए भी बहुत उपयोगी हे।
- तुलसी : तुलसी को हमारे यहाँ पूजा करते हे पर ये औषधि की तरह भी काम आता हे। इससे खासी को मिटाने , दस्त और उलटी को ख़त्म करने और सरदर्द दूर करने के लिए उपयोग में लिया जाता हे।
- हल्दी : हल्दी के उपयोग से लिवर की समस्याओमे राहत मिलती हे। शरीर की इम्युनिटी बढ़ाता हे। चोट पर लगाया जाता हे।
3. पेड़ के सामुदायिक और व्यावसायिक महत्व( the importance of trees in Business and Community )
हर एक समुदाय में पेड़ो का महत्व होता ही हे। पेड़ किसी स्थान के विशिष्ट चरित्र को मजबूत करते हैं और स्थानीय लोगो को प्रोत्साहित करते हैं। आपने देखा हे की लोगो कई तरह के कार्यक्रम या एक्टिविटी गार्डन , पार्क्स , प्लेग्राउंड जैसी जगह पे करते हे जो इन पेड़ो के बिना पॉसिबल नहीं हे।

क्योंकि पेड़ को देख के ही हमारा मन शांत हो जाता हे और मन प्रफ्फुलित हो जाता हे। एक रिसर्च के मुताबिक किसी दर्दी को हॉस्पिटल की जगह किसी ऐसी जगह ठीक किया जाय जहा से वो रोज पेड़ और पहाड़ जैसी प्रकृति की चीज़े देख सके तो ऐसा दर्दी जल्दी ठीक हो जायेगा। क्योंकि पेड़ मन को शांत कर हाकारात्मक भाव पैदा करता हे। और इसीलिए लोग ऐसी जगह इक्कठा होना पसंद करते हे।
कई समय से पेड़ो का उपयोग व्यवसायों में होता आया हे। लकड़ी का उपयोग खाना बनाने के लिए गरम करने के लिए अभी भी होता हे। इसके आलावा घर बनाने लिए , फर्नीचर में , कई तरह के औजार बनाने के लिए , कागज बनाने और घरमे कई चीज़ो में, खेलने के साधनोमें होता हे। इन सब चीज़ो के आलावा फलो में से कई चीज़े बनती हे इनका बिज़नेस होता हे। दवाइओ का बिज़नेस जैसे कई क्षेत्रों में वेपार होता हे। और पेड़ो के कच्चे माल से प्रोडक्ट बनने तक हर एक काम करनेवाले इंसान को जोब इनकी वजह से ही मिलती हे। तो इस तरह पेड़ नौकरी का अवसर भी पैदा करता हे।
4.व्यक्तिगत और आध्यात्मिक मूल्य ( the importance of trees in personal and spiritual value)
पेड़( the importance of trees ) को हर कोई पसंद करता हे। मुझे कोई इंसान ऐसा नहीं मिला जिसको पेड़ पसंद न हो। पेड़ होते ही हे इतने आलीशान और सुन्दर। उसका अलग अलग आकर ,जीवंत कलर , उसके धड़ की बनावट , उसके पत्ते और हर एक चीज़ हमारे आँखों को बहोत अच्छी लगती हे।
जैसे जैसे ऋतु बदलती हे वैसे वैसे उसमे भी परिवर्तन होता हे और हमारे मन को प्रफ्फुलित कर देता हे। उसके ऊपर होने वाले फुल मौसम को खुशनुमा कर देते हे। प्रकृति को और सुन्दर बना देते हे। अगर आपको मौका मिले तो उत्तराखंड में “फ्लावर ऑफ़ वैली ” ज़रूर घूमने जाये। आपको ऐसा लगेगा जैसे आप स्वर्ग में आ गए हो। पेड़ो की सुंदरता की कोई जगह नहीं ले सकता। और ईसि सुंदरता को बनाए रखने के लिए हमें पेड़ो की रक्षा करनी चाहिए।

कई बार पेड़ परिवार की आगे बढती पीढ़ी की निशानी होता हे। हमारे पूर्वज ने पेड़ को उगाया होता हे जिससे हमें काफी लगाव होता हे क्यूंकि वो पेड़ हमारे सामने ही हमारे साथ बड़ा हुआ होता हे। हम उस पेड़ का बहुत ज़्यादा ध्यान रखते हे और उसके साथ हमारा भावात्मक सम्बन्ध जुड़ा हुआ होता हे। हमारे बचपन की कई सारी यादे उसके साथ जुडी हुई होती हे। और इन यादो की कोई जगह नहीं ले सकता।
इसके आलावा भारत देश में तो वृक्षों को भगवान का दर्जा दिया जाता हे। उन्हें पुंजा जाता हे। जब जगदीश चंद्र बोस ने बताया के पेड़ भी जीवित होते हे वो भी हमारी तरह ख़ुशी और गम महसूस कर सकते हे उसके बाद तो हमारा और पेड़ का रिस्ता और भी गहरा हो गया। लेकिन हिन्दू धर्म में तो उसके पहले से ही वृक्षोंको भगवान का दर्जा दिया जाता था ।
- जैसे पीपल के पेड़ को भारत में भगवान का वास माना जाता हे। हिन्दू में ऐसा माना जाता हे के पीपल के पेड़ के जड़ो में ब्रह्माजी , पेड़ के धड़ में विष्णुजी और पत्तो में भगवान शिव वास करते हे। और इसीलिए उसको पुंजा भी जाता हे। इसक आलावा पीपल के पेड़ के निचे भगवान् बुद्ध ने तपस्या की थी और उसी पेड़ के निचे उन्हे आत्मज्ञान प्राप्त हुआ था। जो पेड़ आज भी बिहार के गया तालुके में स्थित हे।

- वट वृक्ष में भी भगवान विश्वकर्मा का वास माना जाता हे। और हमारे देश की महिलाये भी वट सावित्री के व्रत में वट वृक्ष के फेरे लेती हे और उनकी पुजा करती हे।

- इसके आलावा बिल के पेड़ के बिली पत्र भगवान शंकर को चढ़ाये जाते हे।
- हर पूजा में सूखे नारियल को पवित्र माना जाता हे और चढ़ाया भी जाता हे।
- पूजा के प्रसाद में फल और तुलसी आदि का उपयोग किया जाता हे।
- चन्दन का पेड़ उसकी मनमोहक खुशबू के लिए जाना जाता हे और उसका भी उपयोग पूजा में अगरबत्ती और धुप के काम में लिया जाता हे। चन्दन की क्रीम का उपयोग भी भगवान को पूजने के लिए किया जाता हे। साधना और भक्ति में भी चन्दन का उपयोग बौद्धिक संत करते हे। चन्दन की सुगंध और धुप से मंदिर का वातावरण शुद्ध होता हे।

- केले के पेड़ के पत्ते का उपयोग भी इंडिया के घरों में पूजा के दौरान होता हुआ देखा जाता हे। उसमे से पौष्टिक केले का उपयोग भी भगवान् के प्रसाद के रूप में किया जाता हे। केले के पेड़ को भी भारत में परिवार की सुखशांति के लिए पुजा जाता हे।
(the importance of trees ) एक तरफ वृक्ष को काटना पाप माना जाता हे तो दूसरी तरफ होली जैसे त्योहारों में लकडिओ को जलाकर पूजा जाता हे। और हम जानते हे की वह पर्यावरन लिए कितना हानिकारक हे। भारतीय साहित्य का अध्ययन करे तो पेड़ो की पूजा का इतिहास बहुत पूराना हे। लेकिन हम उसका महत्व समझ कर नए पेड़ जरूर ऊगा सकते हे। और यही हमें करना हे। हिन्दू हो या सिख हो या फिर मुस्लिम या कोई और धर्म, भारत के हर परिवार में बच्चो को पेड़ की रक्षा करना सिखाया जाता हे। कई सारे हमारे देविदेवता के मंदिर बड़े पर्वतो और उंचाइओ पर हे वहा पहोचने का रास्ता बनाने के लिए और मंदिरो और आश्रम के निर्माण के लिए पेड़ो को काटा जा रहा हे। जिसके बदले ज़्यादा से ज़्यादा जहा पर भी मुमकिन हो सके वहा बीज को बोना चाहिए और उसकी देखभाल करनि चाहिये। जिससे हम पर्यावरण की रक्षा कर सके और प्राकृतिक मुसीबतो से न सिर्फ इंसान को ही नहीं पर प्राणिओ को भी बचा सके। क्यों की ये तो मानना पड़ेगा के पेड़ के बिना हमारा जीवन भी संभव नहीं हे। इसी ध्येय के साथ आप आगे बढ़ते रहे।
आशा करता हूँ (the importance of trees )आपको पेड़ो के महत्व के बारे में कुछ न कुछ इंट्रस्टिंग जानने को मिला होगा। अगर जानने को मिला हो तो आपको ये आर्टिकल केसा लगा ? ये कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताए। अपने जन्मदिवस पर वृक्षारोपण जरूर करे। अगर आप कोई इंट्रस्टिंग फैक्ट्स जानते हो तो उसे भी कमेंट में मेंशन करे। पढ़ने के लिए धन्यवाद। मिलते हे अगले आर्टिकल में।