Solar system in Hindi
Solar system in Hindi के इस educational आर्टिकल में हम जानेंगे के कैसे हमारे अभीके 8 ग्रहो का निर्माण हुआ , उनके बनावट, उसके वातावरण की गतिविधि और कइ सारी अनोखी बाते इस आर्टिकल में जानेंगे।
Nasa science solar system exploration के मुताबिक हमारे 8 ग्रह के आलावा Neptune के उस पार और भी नए गृह खोजे जा रहे हे। जिसे dwarf planet (बोना ग्रह) कहते हे। ये न तो पूरी तरह से गृह हे नहीं उपग्रह हे। जिसमे प्लूटो भी शामिल हे। हमारे सोलर सिस्टम के बाहर भी हजारो गृह की खोज की गयी हे जिनको Exoplanet कहा जाता हे।
Solar system in Hindi में हम जानेंगे के सोलर सिस्टन का जन्म कैसे हुआ ?, कब हुआ ? जैसे सवालों के जवाब और अनोखी बाते जानेंगे जो आपको किसीने नहीं बताई होगी। तो चलिए आगे बढे।
1. Birth of the Solar system in Hindi :
Solar system का जन्म :
Solar system in Hindi हमारे ग्रह की उत्पत्ति से लेकर सौर मंडल के जन्म तक आज के NASA ने काफी चौकाने वाली खोजे की हे। यहाँ तक की नासा की खोज ने आम इंसान की जीवन को भी आसान बना दिया हे ।आज के समय में solar system जितनी शांत और स्थिर हे वो उसकी उत्पति के समय पे एक जंग के मैदान की तरह थी। Big Bang के बाद अपने सोलर मंडल में नए पैदा हुए गृह विस्फोट करते हुए एक दूसरे के साथ टकराते थे। जो गृह संतुलित हुए वो गृह बच गए। बाकि बचे ग्रह विनाश हो कर बिखर गए।
Curiosity rover आज भी मंगल गृह के ऊपर मंगल गृह की उत्पति के राज़ ढूंढ रहा है।


जिससे मंगल के पत्थर मिटटी में ऑक्सीजन और नाइट्रोजन की isotope मिले हे। खगोलशास्त्री इसोटोप्स का उपयोग ग्रहो का इतिहास जानने के लिए करते हे। isotope ऐसे रासायनिक तत्वों में से एक तत्व जिसके भौतिक लक्षण औरों से अलग हों परंतु रासायनिक लक्षण एक जैसे ही हो।
और इसलिए क्यूंकि isotope ऐसा केमिकल एलिमेंट हे के उसपर अवकाश में होने वाले बदलाव का असर नहीं होता। जैसे चीज़ो का टकराना वगेरा। इन आइसोटोप से ये बात का अंदाजा लगाया गया की मगल गृह की उत्पति हमारे सोलर मंडल में कई और हुई थी और ये फिर खिस ते हुए हमरे पृध्वी के पास आ गया था।
हमारे Solar system में कई विषमताए हे जिसको समझने के लिए हमारे साइंटिस्ट कई समय से प्रयास कर रहे हे। जैसे हमारे सभी गृह वही दिशा में चक्कर लगते हे जिस दिशा में हमारा सूर्य घूमता हे। उनमे से 6 गृह उनकी ध्रुव के ऊपर उसी दिशा में घूमते हे। उनके लिए सूर्य पूर्व में उगता हे और पश्चिम में अस्त होता हे।
जब की शुक्र (Venus) और Uranus उससे उलटी दिशा में घूमते हे। जिससे उनपर सूर्य पश्चिम में उगता हे। और यूरेनस तो बोलिंग बॉल के माफिक लुढ़क के घूमता हे।

Neptune का उपग्रह Triton ही Neptune की उलटी दिशा में घूमता हे। ये सब गृह क्यों उलटी दिशा में घूम रहे हे ? क्या उनके उत्पति के समय में वो किसी बाद पत्थर से टकराये थे ? जिनकी वजह से ये हुआ।
हमारी पृथ्वी भी 23.5 डिग्री झुकी हुई हे और बाकि ग्रहो की तुलना में हमारे पृध्वी के कद के मुतबिक हमारे चाँद का कद भी काफी बड़ा हे। पर ऐसा क्यों हे ? साइंटिस्ट के मुताबिक एक नया सिद्धांत (theory) इन सब को स्पष्ट कर सकता हे जिसे कहते हे “Grand tack hypothesis“.
Solar system in Hindi में “Grand tack hypothesis“ के मुताबिक लगभग 500 करोड़ साल पहले solar system में एक गैस और धूल से बना बहोत बड़ा गृह पैदा हुआ। जिसका आज के समय में भाग गुरु (Jupiter) गृह हे।

गुरु गृह की उत्पति सोलर मंडल में आज जहा पे हे यहाँ नहीं हुई थी। बल्कि बड़ा होने के बाद ये गृह सूर्य की तरफ गति करने लगा।
Asteroid(छोटे पत्थर ) और टुकड़े Jupiter के साथ आगे बढ़ने लगे। सोलर सिस्टम में इस समय में अन्य ग्रहो का निर्माण हुआ जिसमे से पृथ्वी भी एक था। जुपिटर यानि गुरु गृह के इस तरह से बढ़ने की वजह से सभी ग्रहो की कक्षाए असंतुलित हो जाती हे कुछ गृह बहार फेक दिए जाते हे। कुछ गृह सूर्य में चले जाते हे। ये बहोत पहले के समय की बात हे सोलर मंडल में चीज़े गतिशील हो कर एक दूसरे स टकरा जाती थी। और फिर अचानक से गुरु गृह की गति में रूकावट आ गयी और सब कुछ शांत हो गया।
Solar system in Hindi : Jupiter जैसे जैसे सूर्य की तरफ आगे बढ़ रहा था वैसे शनि गृह भी उसके पीछे आगे बढ़ रहा था और कद में बड़ा हो रहा था। शनि गृह इतना बड़ा हो गया के उसकी ग्रेविटी का असर गुरु गृह (Jupiter) पर होने लगा। ग्रहो की ग्रेविटी का असर गुजरने वाले हरे गृह पे होता हे। जिससे एक गृह से दूसरे गृह में कक्षीय ऊर्जा transfer होती हे। ग्रहो की गुरुत्वाकर्षण की वजह से गृह अपनी कक्षा में स्थापित हो गए।
आज के समय में जो कक्षा में ग्रह हे उन सबकी वजह गुरु और शनि बिच की इस कक्षीय ऊर्जा प्रदान था।और सभी गृह एक दूसरे के साथ इसी तरह असर करते हे। ऐसा भी कहा जाता हे अगर शनि गृह की उत्पति सही समय पे सही कद में न हुई होती तो गुरु ग्रह आगे बढ़ते हुए सभी गृह समेत पृथ्वी को भी नस्ट करके सूर्य के काफी करीब चला जाता।
Earth in Solar system in Hindi : हमारे साइंटिस्ट के सबूत के मुताबिक ऐसा भी माना जाता हे सोलर सिस्टम के पृथ्वी भी एक गृह के साथ टकराई थी जिसको Theia कहा गया हे। जो मंगल गृह के कद जितना था।

Theia के अस्थिर होने के वजह से पृथ्वी के उसका टकराव हुआ और परिणाम स्वरूप चाँद का जन्म हुआ। क्यूंकि Apollo mission के समय में जो चाँद के पत्थर लाये गए थे उनके isotope पृथ्वी में पाए गए isotope से मेल खाते थे।
Haute provence observatory के telescope के द्वारा एक चौंकाने वाली खोज की गयी। जिससे हमारे सोलर सिस्टम के बार में बहोत बड़ा सत्य का पता चला। जिसमे हमारे सोलर सिस्टम से 50 lightyears दूर एक तारे को ढूंढा गया। जिसका नाम हे Star Pegasus 51। खोज से पता चला के Pegasus 51 का चक्कर भी एक गृह लगा रहा हे।

Pegasus 51 का गृह का कद गुरु ग्रह से लगभग आधा हे लेकिन यह Pegasus 51 से बहुत ही नजदीक हे। अपने बुध गृह से लगभग 9 गुना करीब ।जिससे वो गृह का तापमान लाखो डिग्री होगा। उसके बाद ऐसे ही कई तारो की खोज की जा चुकी हे।
खगोलशास्रीओ ने लगभग ऐसे 3700 exoplanet हमारे solar system के बाहर खोज लिए हे। जिससे ये पता चलता हे के जब भी solar system में बड़े ग्रहो का निर्माण होता तो वह एक जगह से सूर्य के तरफ जाते हे। लेकिंग हमारे solar सिस्टम में शनि गृह के गुरुत्वाकर्षण की वजह से गुरु गृह कक्षा में स्थिर हुआ। और ये घटना Grand tack hypothesis को साबित करती हे।
2.Structure of Solar system in Hindi:
Solar system की रचना :
सूर्य सौर मंडल के सभी पदार्थों का 99.85% हिस्सा है। ग्रहों में सौर मंडल के द्रव्यमान का केवल 0.135% हिस्सा होता है। गुरु गृह का अन्य सभी ग्रहों को मिलाकर जितना होता हे उससे दोगुने से अधिक हिस्सा हैं। शेष 0.015% ग्रहों, धूमकेतु, क्षुद्रग्रहों, उल्कापिंडों और अंतर्ग्रहीय माध्यम के उपग्रहों का निर्माण करते हैं।
1. सूर्य :
Sun in Solar system in Hindi

February 2015 में NASA के द्वारा एक राकेट लॉन्च किया गया। जिसमे सैटेलाइट The Deep Space Climate Observatory (DSCOVR) को भेजा गया। DSCOVR सेटेलाइट को सूर्य से निकलने वाली सोलर विंड (सूर्य से आवेशित कणों का निरंतर प्रवाह जो सौर मंडल में प्रवेश करता है) के बारे में जानकारी रखने के लिए भेजा गया। जो पृथ्वी के ऊपर कृत्रिम उपग्रह, कम्युनिकेशन , और पावर ग्रिड को नुकशान पंहुचा सकता हे।
सूर्य पृथ्वी से 15.04 करोड़ किलोमीटर की दुरी पर हे। ये इतना बड़ा हे के उसके अंदर लगभग 13 लाख पृथ्वी समा सकती हे। सूर्य में जो ऊर्जा पैदा होती हे सको पृथ्वी पर आने में 30000 साल लग जाते हे। यानि की हमें जो ऊर्जा अभी मिल रही हे वो 30000 साल पहले सूर्य में पैदा हुई थी।
सूर्य के अंदर दबाव की वजह से hydrogen atom इक्कठा होकर हीलियम के रूप में बदल जाते हे जिसे Nuclear fusion कहते हे। सूर्य में से निकलने वाली एनर्जी एक सेकंड में अरबो हाइड्रोजन बोम्ब विस्फोट के बराबर होती हे। इतनी अत्यधिक गर्मी और ऊर्जा की वजह से सूर्य को स्टडी करना काफी मुश्किल हे। सूर्य के ऊपर भी रेड dark डॉट्स देखनेको मिलते हे जिसे Sunspot कहते हे।

2018 में solar probe plus नामक स्पेस probe को नासा के द्वारा लांच किया गया। जो सूर्य के बाहरी कोरोना का अवलोकन करेगा। सूर्य का कोरोना सूर्य के वातावरण का सबसे बाहरी भाग है। जो सूर्य के तेज प्रकाश की वजह से देख पाना मुश्किल हे लेकिन ग्रहण के वक्त देखा जा सकता हे।
2. बुध ग्रह :
Mercury in Solar system in Hindi
बुध ग्रह सूर्य से सब से करीब गृह हे। जैसे हमारे चाँद पे गढ्ढे देखे जाते हे वैसे बुध गृह पे भी बड़े गढ्ढे देखे जाते हे। जिसका मुख्य कारण उल्का हो सकती हे। बुध गृह पे खास कोई वातावरण नहीं हे।

सूर्य के इतना करीब होने के कारण बुध गृह सोलर सिस्टम का ऐसा गृह हे जिसपे कम जानकारी हमने हासिल की हे। लेकिन कुछ चीज़े हम उसके बारे में जानते हे। जैसे बुध गृह का एक साल पृथ्वी के 88 दिन का ही हे। और सूर्य से उसका अंतर 5.79 करोड़ किलोमीटर हे। वो अपने ध्रुव पर इतना धीमी गति से घूमता हे के बुध ग्रह पर एक दिन तीन महीने के बराबर होता हे।
पृथ्वी की बराबरी करे तो अंदाज़ा लगा सकते हे के बुध गृह पे सूर्य की गर्मी पृथ्वी से सात गुना ज़यादा लगती होगी। और पृथ्वी पे जितना सूर्य का कद हे बुध गृह पे लगभग 3 गुना बड़ा दिखेगा। कोई प्राणी वह पे जीवित नहीं रह सकता। सूर्य के काफी ज़जदीक होने के कारण वह का तापमान 448 डिग्री सेल्सियस हे। और जहापे सूर्य नहीं हे वहपे तापमान -275 डिग्री सेल्सियस हे। Mercury पर पिछले दो सेटेलाइट European Space Agency और Japan Aerospace Exploration Agency के द्वारा 2018 में भेजे गए थे।
3.शुक्र ग्रह :
Venus in the solar system in Hindi
Solar system in Hindi में अब हम शुक्र गृह के बारे में जानेंगे। शुक्र ग्रह का सूर्य से अंतर लगभग 10.82 करोड़ किलोमीटर हे। उसका एक साल पृथ्वी के 225 दिन के बराबर हे। आप ये जानकर चौक जायेंगे की इसकी धीमी गति की वजह से शुक्र ग्रह को अपने ध्रुव पर चक्कर लगाने में पृथ्वी के मुताबिक 243 दिन लग जाते हे। जो शुक्र गृह के एक साल से भी ज्यादा हे। हेना हेरात की बात !

सोलर सिस्टम का ये ऐसा गृह जो बहुत ही धीरे और सभी ग्रहो से उल्टा घूमता हे। यहाँ पे सूर्योदय पश्चिम में और सूर्यास्त पूर्व में होता हे। शुक्र और पृथ्वी का कद लगभग एक जैसा ही हे। और जैसे यहाँपे ज्वालामुखी देखे जाते हे वैसे शुक्र गृह पर भी हजारो की सख्या में ज्वालामुखी पाए गए हे।
शुक्र गृह का तापमान 465 डिग्री सेल्सियस हे तो आप वहाँपे कभी नहीं रह सकते। और सिर्फ तापमान ही नहीं वहा पे दबाव भी पृथ्वी की बराबरी में लगभग 90 गुना ज़्यादा हे। जो कोई समुंदर में 1 किलोमीटर अंदर जाने से लगते दबाव जितना हे। तो आप समझ गए होंगे शुक्र गृह पे जाना कितना मुश्किल हो सकता हे।
4. पृथ्वी (Earth in solar system in Hindi) :
हमारी पृथ्वी सोलर मंडल में पांचवा सबसे बड़ा गृह हे। जिसका सूर्य से अंतर 14.85 करोड़ किलोमीटर हे। हमारी पृथ्वी सोलर मंडल में पांचवा सबसे बड़ा गृह हे। जिसका सूर्य से अंतर 14.85 करोड़ किलोमीटर हे। और इकलौता ऐसा गृह हे जहाँपर पानी प्रवाही के स्वरुप में उपलब्ध हे। यहाँ पे जीवन संभव हे। जीवित प्राणीओ के लिए वातावरण अनुकूल हे।
पृथ्वी का एक उपग्रह भी हे जो चाँद हे हम सब जानते हे। पृथ्वी के ऊपर का वातावरण एक ढाल की तरह काम करता हे जो उल्का और अन्य अवकाश पदार्थो को पृथ्वी की सतह तक आने से रोकता हे। पृथ्वी के ऊपर कई सेटेलाइट (कृत्रिम उपग्रह) इंसानो के द्वारा कक्षा में भेजे गए हे जो पृथ्वी के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए और कोम्युनिकेशन जैसी कई चीज़ो के लिए काम आते हे।
5. मंगल (Mars in solar system in Hindi):
मंगल गृह हमेशा से हमारे खगोलशास्त्रीओ के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ हे। ये इकलौता ऐसा गृह हे जो हमारे पृथ्वी से मिलताजुलता हे। मंगल गृह का एक दिन लगभग पृथ्वी के जितना ही हे। जो की 24 घंटे और 40 मिनट का हे। और मगल गृह का पूरा साल पृथ्वी के 687 दिन जितना हे क्यूंकि ये सूर्य से थोड़ा दूर हे।

ऐसा माना जाता हे की पृथ्वी और मंगल गृह का जन्म लगभग एक समय पे हुआ था। ये गृह का सामान्य तापमान -60 डिग्री सेल्सियस जितना रहता हे। अगर पृथ्वी से बराबरी करे तो मंगल गृह का व्यास (diameter) पृथ्वी से आधा ही हे। और पृध्वी के गुरुत्वाकर्षण से एक तिहाई गुरुत्वाकर्षण मंगल गृह पे हे। मंगल गृह पे आपको नीला आकाश नहीं बल्कि पीला और केसरी कलर का आकाश देख ने को मिलेगा। उसक दो छोटे उपग्रह हे जिसको phobos और deimos कहते हे।


मंगल गृह के पतले वातावरण में 95.3 % CO2 हे। तो जहापे साँस लेने के लिए ऑक्सीजन की जगह पे CO2 हे वहापे जाना इतना आसान नहीं हे। अभी की स्टडी के मुताबिक मंगल गृह पे कोई जीवन नहीं हे। लेकिन जब इंसान पहला कदम मंगल गृह पे रखेगा तब जीवन जरूर मुमकिन होगा।
6. गुरु गृह :
Jupiter in solar system in Hindi
गुरु गृह हमारे सोर मंडल का सबसे बड़ा गृह हे। इस गृह एक नहीं दो नहीं बल्कि 62 उपग्रह हे। ये इतना बड़ा गृह हे के उसके अंदर 1000 से भी ज़्यादा पृथ्वी समां सकती हे। ये लगभग पूरा गृह हाइड्रोजन और हीलियम से बना हुआ हे। ये इतनी तेज़ गति से घूमता हे के इसका दिन 10 घंटे से भी कम समय में ख़तम हो जाता हे।

ये पृथ्वी से लगभग 80 करोड़ किलोमीटर की दुरी पर हे।




जैसेही आप गुरु गृह को करीब से देखेंगे तो उसके 4 सबसे बड़े उपग्रह नज़र आएंगे। यूरोपा (Europa), गेनीमेड(Ganymede), ईओ(Io), कलिस्टो (Calisto)। ईओ(Io) कलर में पिले रंग का उपग्रह हे। कलिस्टो (Calisto) काले रंग का ,और यूरोपा (Europa) चमकता हुआ दिखाई देगा।
गुरु गृह मोटे तोर पर वायु से बना गृह हे। उसकी सतह काफी गहरी हे और कई बड़े बड़े तूफानी बवंडर देखने को मिलते हे जिसनमे से सबसे बड़ा हे जिसे Great red spot कहते हे।

जितना अंदर जायेंगे उतना ही वातावरण गर्म होता जाता हे और काफी भारी दबाव देखने को मिलता हे। गुरु गृहका चुंबकीय क्षेत्र सोलर सिस्टम में सबसे ताकतवर हे। गुरु गृह पे नासा के द्वारा पिछला स्पेसक्राफ्ट जूनो स्पेसक्राफ्ट(The Juno probe) था जो 2011 में लांच किया गया था।
7. शनि ग्रह :
Saturn in solar system in Hindi

अपने सोलर मंडल में सबसे सुन्दर और असाधारण रूप से समृद्ध गृह शनि हे। उसकी रिंग्स, चुंबकीय मंडल और उसके उपग्रह की वजह से। शनि गृह भी गुरु गृह की तरह वायु से बना गृह हे। जिसमे 75 % हाइड्रोजन और 25% हीलियम हे। शनि गृह के पिछली खोज के मुताबिक इस गृह के 90 से ज्यादा उपग्रह देखने को मिले हे।
शनि गृह सोर मंडल का सबसे दूसरा बड़ा गृह हे जिसका व्यास (diameter) 1,20,540 km का हे। गुरु गृह की तरह इसकी भी सतह कितनी गहरी हे ये नापना काफी मुश्किल हे। शनि गृह का दृश्य उसके उपग्रह के ऊपर से काफी शानदार होगा। शनि गृह की रिंग्स छोटे बर्फ के टुकड़े से बनी हुई हे।


Enceladus शनि गृह का एक उपग्रह हे जो एक बर्फ की तरह चमकता उपग्रह हे। टाइटन (titan) भी शनि गृह का एक बड़ा उपग्रह हे। NASA’s Cassini spacecraft शनि गृह का अंतिम मिशन था जिससे शनि गृह के बारे में काफी जानकारी मिली।
8.अरुण ग्रह :
Uranus in solar system in Hindi
यूरेनस सोलर सिस्टम का तीसरा सबसे बड़ा गृह हे। ये भी एक गैस से बना हुआ गृह हे। जिसमे ज्यादातर हाइड्रोजन , हीलियम और मीथेन हे। यूरेनस के आसपास 13 रिंग्स हे। लेकिन ये शनि गृह की रिंग की बराबरी में काफी पतली हे जिसकी वजह से देख पाना काफी मुश्किल हे।

ये गृह पृथ्वीसे 63 गुना बड़ा हे और जिसका व्यास 51118 km हे। जिसका सूर्य से अंतर 290 करोड़ किलमीटर हे। ये गृह को सूर्य का एक चक्कर लगाने में लगभग 84 साल लग जाते हे। यहाँ का तापमान -१८० डिग्री सेल्सियस रेहता हे। लेकिन सबसे अलग बात तो ये हे के एकतरफा झुकाव। ये एक बोलिंग बॉल की तरह सूर्य की परिक्रमा करता हे।
scientists का मानना था के ये पहले से ही ऐसा नहीं था, पर किसी अवकाश की किसी बड़े गृह जैसी पदार्थ के टकराव की वजह से ये हुआ था। अब ऐसा मन जाता हे यूरेनस के आजुबाजु के ग्रहो के गुरुत्वाकर्षण की असर की वजह से ये हो सकता हे। यूरेनस के 27 उपग्रह हे ।
9. वरुण :
Neptune in solar system in hindi
Uranus के बाद Neptune भी एक नीले रंग का गृह हे। सोलर सिस्टम का ये आखरी गृह सूर्य से 450 करोड़ किलोमीटर की दुरी पर हे। जो पृथ्वी से सूर्य के अंतर से 30 गुना होता हे। Neptune के कद की बात करे तो Neptune गृह का व्यास(diameter) 49528 किलोमीटर हे। ये सूर्य से इतना दूर हे के सूर्य का एक चक्कर लगाने में पृथ्वी के 165 साल लग जाते हे। और इसका दिन लगभग 16 घंटे का होता हे।

Uranus की तरह Neptune भी हाइड्रोजन और हीलियम का बड़ा सा बॉल हे। Neptune के अंदर के केमिकल मिक्सचर इसे बहोत नील रंग का बनाता हे। Neptune गृह के ऊपर ग्रेट डार्क स्पॉट देखने को मिलता हे। जो वहा की तेज़ गति की हवा की वजह से तुरंत गायब हो जाता हे।

Neptune के आसपास भी रिंग की रचना देखनेको मिलती हे। Neptune के टोटल 13 उपग्रह हे जिनमेंसे सबसे बड़ा उपग्रह ट्राइटन(Triton) हे।

Triton ऐसा उपग्रह हे जो पतले बर्फीले स्टार से ढाका हुआ हे। Triton ऐसा उपग्रह हे जो पतले बर्फीले स्टार से ढका हुआ हे। अनोखी बात तो ये हे के Triton उपग्रह Neptune की परिक्रमा उलटी दिशा में करता हे। और इस अनोखे उपग्रह पे बर्फीले ज्वालामुखी भी देखने को मिले हे। हे न अजीब बात।
तो ये थे हमारे solar system in hindi के बारे में अनोखे तथ्य। प्लूटो को आज के समय में बोना गृह(dwarf planet) माना जाता हे। ऐसा क्यों हे हम इसके बारे में फिर कभी जानेंगे। ऐसी ही दिलचस्प बाते जानने के लिए बने रहिये। धन्यवाद