
हेल्लो दोस्तों, स्वागत हे आपका sciencegyani में । हाल ही में पता चला हे की Nasa curiosity रोवर ने मंगल ग्रह से 2022 में मंगल गृह के फूल की तस्वीर भेजी हे तो मेने सोचा क्यूना आपके साथ इस को शेयर किया जाये ।
इसलिए आज का ब्लॉगपोस्ट Nasa curiosity रोवर के बारे में । जानेंगे mars curiosity rover की नयी खोज ,उसकी बनावट और कार्य के बारे में । तो बने रहिये मेरे साथ ये जानने के लिए कैसे इस मशीन ने मंगल ग्रह के राज़ खोले हे ।
NASA curiosity रोवर द्वारा मंगल ग्रह पर देखा गया छोटा ‘फूल’ :
14 February 2022 के दिन NASA curiosity रोवर के द्वारा मंगल गृह की एक सुंदर फूल और गोलाकार चट्टान की कलाकृतियों वाली इमेज भेजी ।
जो असल में फूल नहीं हे जैसे आप देख ही सकते हे । लेकिन नासा के अनुसार कहा जाता हे की ये तब बने होंगे जब प्राचीनकाल में पानी के बहाव द्वारा ले जाने वाले खनिजों ने मिलकर चट्टान को मजबूत बनाया । जो एक फूल के आकार की कलाकृति जैसी दिखाई देती हे ।

वैसे इस फूल के आकार की कलाकृति का कद 20 मिलीमीटर से भी कम हे । इसे क्यूरियोसिटी रोवर ने अपने रोबोटिक आर्म के अंत में मार्स हैंड लेंस इमेजर (MAHLI) कैमरे का उपयोग करके लिया हे ।
भूतकाल में ऐसी और भी कई विविध विशेषताओ का अवलोकन नासा क्यूरियोसिटी रोवर ने किया हे जिससे विज्ञानिको को गेल क्रेटर(मंगल की गृह की एक जगह जहा मार्स क्यूरियोसिटी रोवर को लैंड किया गया था ) में तरल पानी के लंबे इतिहास के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त हुई हे । source1
तो ये कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी की गेल क्रेटर एक समय पे एक तालाब होगा जिसके पानी से ऐसी कलाकृति की रचना हुई होगी ।
NASA curiosity रोवर क्या है ? क्यूरियोसिटी रोवर इन हिंदी

(क्यूरियोसिटी रोवर क्या है?) क्यूरियोसिटी रोवर एक कार के साइज का वाहन हे जिसमें कई प्रौद्योगिकी उपकरण (Technology equipment) लगाए गए हे । इसका मुख्य मिशन इस बात को निर्धारित करना हे की क्या मंगल ग्रह कभी सूक्ष्मजीव-जीवन के लिए रहने योग्य था ?
NASA curiosity रोवर को 26 नवंबर 2011 को लॉन्च किया गया और 5 अगस्त, 2012 को मंगल ग्रह पर लैंड किया गया । जिसने फेब्रुअरी 14, 2022 को मंगल ग्रह के 3,396 दिन पुरे किये हे । क्यूरियोसिटी को 20 किलोमीटर ड्राइव करने और एक मार्टियन वर्ष के लिए सतह पर रहने के लिए डिज़ाइन किया गया था ।
आइये जानते हे इसके फीचर्स के बारे में ।
क्यूरोसिटी रोवर के बारे में विशेषताए : (क्यूरियोसिटी रोवर हिंदी)
NASA curiosity रोवर घूमने वाला जीवविज्ञानी है । जैसे यहाँ पृथ्वी पर जीवविज्ञानी जीवो के बारे में खोज करते हे । ये रोवर मंगल गृह पर सुष्मजीवो की निशानिओ को ढूंढ रहा हे । curiosity रोवर को एक मानव के जैसा ही बनाया गया हे ।

- क्यूरोसिटी रोवर ऐसे ढांचे में बनाया गया जिससे महत्वपूर्ण भागो को सुरक्षा मिल सके ।
- जैसे इंसानो में दिमाग हे वैसे ये रोवर में भी कंप्यूटर हे जो सभी सेंसर की इन्फॉर्मेशन को प्रोसेस करता हे ।
- रोवर में कैमरा , लेज़र जैसी सेंसर रखे गए हे जिससे ये अपने आजुबाजु के वातावरण के बारे में पता लगा सकता हे । रोवर को मानव-स्तरीय दृश्य देने के लिए केमेरा को उतनी हो उचाई पर रखा गया हे जितनी उचाई पर हमारे शरीर में आंखे होती हे ।
- हम वास्तव में चट्टान पर लेजर फायर कर सकते हैं, चट्टान की सतह को जला सकते हैं और निकलने वाली गैस को देख सकते हैं । और उस गैस से देखा जा सकता हैं कि उस चट्टान की रासायनिक संरचना क्या है। वहां कौन से तत्व हैं ।
- NASA curiosity रोवर में एक ड्रिल भी जोड़ी गयी हे । और यह पहली बार है कि हम रोबोटिक रूप से ड्रिल करने में सक्षम होंगे । लेकिन इसमें काफी समय लगता हे । एक छोटा सा छेद करने में चार हफ्ते जितना समय भी लग सकता हे ।
- इसे रोबोटिक हाथ दिए गए जिससे यह पथ्थर के नमूने स्टडी कर सके ।
- जैसे हम कोई भी जगह पे जाने के लिए पैर का इस्तेमाल करते हे वैसे इसे भी व्हील दिए गए हे जिससे ये घूम सकते हे । ये व्हील अंदर से टाइटेनियम और बाहरी खोल पर एल्यूमीनियम से बने हुए हे ।
- इसके पास कुल छह-पहिया हैं जिसमे से चार-पहिया स्टीयरिंग हैं । वाहन की शीर्ष गति पांच सेंटीमीटर प्रति सेकंड है । जो बहुत धीमे हैं। पर धीमी गति से जाना ठीक है । क्यूंकि वहा पे कोई पेट्रोल पंप तो हे नही । और सीमित ऊर्जा से काम करना हे।
- क्यूरियोसिटी रोवर अपनी बैटरी चार्ज करने और अपने ऑनबोर्ड सिस्टम को ईंधन देने के लिए एक परमाणु ऊर्जा स्रोत का इस्तेमाल करता हे ।
- इसके ऊपर high-gain antenna फिट किये गए हे । जिसे संचार – सुचना(communication) के लिए उपयोग किया जाता हे । a high-gain antenna, नासा को स्पैनिश द्वारा उपहार के रूप में दिया गया था ।
NASA curiosity रोवर की लैंडिंग :
NASA curiosity रोवर के लिए atlas राकेट लांच हुआ था । राकेट के लांच होते एक मिनट और 30 सेकंड में, ये पृथ्वी के चारों ओर कक्षा में पहुंच जायेगा । इस के बाद कुछ पदार्थो को छोड़ दिया जाता हे जिसे बादमे पुन : उपयोग में लिया जाता हे । ये पहला चरण हे ।
दूसरे चरण में , कुछ रेट्रोरॉकेट, और कुछ थ्रस्टर्स हैं जो यह हमें सीधे मंगल गृह की दिशा में धक्का देते हे । बाकि का राकेट का हिस्सा वातावरण में जल जाता हे । या समुद्र में गिर जाता हे । अब हम घूमना शुरू करने जा रहे हैं। तो अब हम मंगल की सीधी यात्रा पर हैं।

क्रूज स्टेज पर मौजूद सौर सरणियों(solar arrays) को रोशन किये जाते हैं। यह वास्तव में हमारी बैटरी को चार्ज करने वाला है । यह बैटरियों को सुपरचार्ज करते हैं और फिर उन्हें डिस्चार्ज कर देते हैं और उन्हें बाकी के लगभग 80 प्रतिशत चार्ज पर रखा जाता हैं । हीट शील्ड से ढका हुआ रोवर 14,500 मील प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा कर रहा हैं । और इसमें थोड़ा अधिक समय लगता है(8.5 month ) क्योंकि पृथ्वी और मंगल एक अलग दिशा में हैं ।
मंगल गृह के वातावरण में पहुंचने के बाद हम बोल्ट और केबल काटे जाते हे । और हमारे NASA curiosity रोवर को सतह की ओर गिरने देते हे । इसके तुरंत बार रॉकेट को फायर किया जाता हे जिससे रोवर उड़ता रहता हे जब तक हम मंगल गृह की सतह तक न पहुंचे ।

जैसे ही हम सतह की ओर गिर रहे हैं, कैमरा मंगल की सतह की तस्वीरें ले रहा है । और यह पता लगा रहा है की रास्ते में कोई बाधा हे या नहीं । जिससे सेफ लैंडिंग की जा सके । जैसे सतह पर निचे पहुंचते हे हम तीन डोरियों को काटते हैं और रोवर सतह पर आ जाता हे ।
ऊपरी भाग (decent stage) फायर होता है और उड़ जाता है। ये वाहन से 600 मीटर दूर जाने के लिए डिज़ाइन किया गया हे । क्यूंकि NASA curiosity रोवर पर गिरने पर नुकशान हो सकता हे ।

अब हम अपने व्हील पर हे और पहले दिन की तलाश शुरू करने के लिए तैयार हैं ।
NASA curiosity रोवर को कहा भेजा गया और क्यों ?
NASA curiosity रोवर गेल क्रेटर नामक स्थान पर गया । तो, इस गेल क्रेटर पर क्यों गया ?
क्यूरोसिटी के गेल क्रेटर में जाने का कारण यह है कि वैज्ञानिक माउंट शार्प(Mount sharp) नामक जगह की जांच करना चाहते थे । और माउंट शार्प मंगल ग्रह का बहुत बहुत बड़ा पर्वत है ।
इमेज में माउंट शार्प बहुत छोटा लगता हे पर असल में ये बहुत बड़ा हे ।


यह 5.5 किलोमीटर क्षेत्र में है और जब रोवर पहाड़ पर चढ़ा तो सभी वैज्ञानिक मिट्टी की विभिन्न परतों की तलाश करना चाहते थे । जिससे भूमि और पर्वत की मिटटी में फर्क पता चल सके ।
हम ये भी देखना चाहते थे की क्या हम मंगल की सतह पर ऐसे स्थान देख सकते हैं जो कभी जीवन के लिए रहने योग्य हो सकते थे। क्या मंगल इस स्थान पर, गेल क्रेटर के आसपास, जीवन को बनाए रख सकता है और क्या उसके पास जीवन के विकास के लिए बुनियादी चीजे हैं , जैसे पानी , हवा, पेड़ ।
लगभग तीन महीनो में गेल क्रेटर में घूमने, रोवर के लिए गए फोटो और परिक्षण से ये बाते पता लगी :
- गेल क्रेटर गीला था ।
- गेल क्रेटर जीवन को बनाए रख सकता है। इसका मतलब ये नहीं हे की वहाँ जीवन था लेकिन हम कह सकते हैं कि अगर होता तो इसे कायम रखा जा सकता था। क्यूंकि जीवन जीने के लिए आवश्यक सभी रासायनिक संरचनाएँ वहा मौजूद हैं ।
- मंगल पर पृथ्वी की तरह ही बादल हैं ।
- मंगल गृह के वातावरण में नमी है ।
NASA curiosity रोवर के आलावा अंतिम रोवर Perseverance (परसेवेरंस रोवर) 30 जुलाई , 2020 में लांच किया गया था । जो 18 फेब्रुअरी 2021 में मंगल गृह पर लैंड हुआ ।
(मंगल गृह की सम्पूर्ण जानकारी के लिए मंगल ग्रह के तथ्य और सम्पूर्ण जानकारी ब्लॉगपोस्ट जरूर पढ़े ।)
NASA curiosity रोवर के बारे में आज अपने क्या जाना ?
आज अपने सबसे पहले NASA curiosity रोवर की भेजी गयी फूल की तस्वीर के बारे में जाना ।
इसके आगे हमने ये भी जाना की NASA curiosity रोवर केसा हे और उसकी विशेषताए क्या हे । NASA curiosity रोवर की मंगल गृह पर लैंडिंग कैसे हुई ये भी हमने जाना ।
आगे हमने ये भी जाना की कैसे ये हमें मंगल गृह के अनेक खोज के बारे में पता लगाने में मदद करता हे ।
अगर आप ऐसी ही अंतरिक्ष और ग्रहो के बारे में जानना चाहते हे तो मेरा सोलर सिस्टम इन हिंदी ब्लॉगपोस्ट जरूर पढ़े ।
मिलते हे अगले इन्फोर्मटिवे ब्लॉगपोस्ट के साथ । तब तक के लिए ऐसे ही पढ़ते रहिये और बनिए sciencegyani । धन्यवाद 😊 also read : isro-scientist , Inspiring Elon musk biography , how Nasa inventions are useful to us?
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