Female reproductive system in Hindi

hello, Friends Female reproductive system in Hindi के इस एजुकेशनल आर्टिकल में आपका स्वागत हे।
जब भी हम हमारे शरीर के किसी सिस्टम (तंत्र) की बात करते हे जैसे पाचनतंत्र(Digestive System) , स्वशनतंत्र(the respiratory system) या फिर रुधिराभीषनतंत्र(circulatory system) हो हम को पता हे के उन तंत्रो के ठीक काम करने के वजह से ही हम ज़िंदा हे । हमारा शरीर उन के वजह से ही सही तरीके से काम करता हे।
लेकिन शरीर में एक ऐसा भी एक इकलौता सिस्टम हे। जिसके न होने से आप जिन्दा तो रह सकते हे लेकिन आप प्रजनन नहीं कर सकते हे । आप अपने जैसे नये जिव को जन्म नहीं दे सकते हे। जिसे कहते हे रिप्रोडक्शन सिस्टम(Reproduction system )।
इंसान की पीढ़ी को आगे बढ़ाने के लिए ये काफी महत्वपूर्ण सिस्टम हे। जिसका नाता आपके जेनेटिक कोड , जेनेटिक तत्व और भविष्य के इंसानी पीढ़ी के साथ हे। पुरुष और स्त्री दोनों में ये Reproduction system काम करती हे लेकिन दोनों में इसके अंगो और उसके काम में विविधता हे। आज के Female reproductive system in Hindi आर्टिकल में हम Female Reproduction system क्या हे ?, Internal Organs of Female reproductive system, External Organs of Female reproductive system, development of a baby, और Menstrual Cycle के बारे में जानकारु प्राप्त करने की कोशिश करेंगे।
क्या हे Female reproductive system in Hindi ?
स्त्री प्रजनन तंत्र अंडकोशिका (female egg) को उत्पन्न करता हे । स्त्री पुरुष की प्रजनन क्रिया में पुरुष के वीर्य(sperm) को स्री के अंडकोशिका के साथ मिलता हे जो गर्भस्थ शिशु के निर्माण के लिए बेहत जरुरी हे । इसके आलावा स्त्री प्रजनन तंत्र स्त्री के मासिक धर्म(menstrual cycle) को नियंत्रित करता हे। शिशु के जन्म तक स्त्री के गर्भ को रक्षा और पोषण देने का कार्य करता हे।
जब भी बच्ची का जन्म होता हे तब उनके प्रजनन तंत्र(Female reproductive system in Hindi ) में सेंकडो हजारो की संख्या में अंडकोशिका उत्पन्न होती हे। लेकिन जब तक ये यौवन अवस्था में पहुंचते हे तब तक ये निष्क्रिय रहते हे। लड़कियों में यौवन अवस्था का आरंभ 12 से 14 साल की उम्र में होता हे। जिस समय के दरमियान स्त्री में यौन हार्मोन उत्पन्न होते हे जिससे स्त्री में कई तरह के बदलाव देखे जाते हे।
स्त्री के योन अवस्था के शुरू होते ही मस्तिष्क के मध्य भाग के द्वारा हॉर्मोनस रिलीज़ होते हे जैसे एस्ट्रोजन (estrogen) और प्रोजेस्टरोन (progesterone)। इन हॉर्मोन्स के स्राव से स्त्री प्रजनन और शिशु को जन्म देने के लिए योग्य बनती हे।
स्त्री प्रजनन तंत्र (Female reproductive system in Hindi ) दो चीज़ो से बना हुआ हे एक तो आंतरिक अंग और दूसरा हे बाह्य बनावट। आंतरिक अंगो में फ़ेलोपियन ट्यूब (fallopian tube), ओवरीज़ (ovaries), वजाईना (vagina), गर्भाषय(uterus) जैसे अंगो को शामिल किया जाता हे।
जब की बाह्य बनावट में Labia majora, Labia minora, Bartholin’s glands और Clitoris जैसी रचना का समावेश होता हे। तो चलिए हम जानते हे आंतरिक और बाह्य बनावट के बारे में विस्तारमे जानते हे।
आगे बढ़ने से पहले एक बात बतादू की अगर आप इन सबको सही तरह से समझाना चाहते हे तो पढ़ने के साथ साथ आकृति यानि Diagram पर भी ध्यान दे तो इससे आपको समझने में आसानी रहेगी। क्यों की आप जानते ही होंगे की शरीर की रचना कितनी जटिल होती हे।
ठीक हे ? चलिए आगे बढे
Internal Organs of Female reproductive system in Hindi( आंतरिक अंग)

- Uterus यानि गर्भाशय । ये खोखली नाशपाती के आकर की होती हे। ये वह जग्य हे जहापे गर्भ का विकाश होता हे। गर्भस्थ शिशु जैसे बड़ा होता हे तब ये भी इसके साथ विस्तृत होने लगता हे। उसका निचला हिस्सा vagina के साथ जुड़ा होता हे जिसको cervix कहते हे। प्रजनन के बाद पुरुष का वीर्य और स्त्री की अंडकोशिका (female egg) मिलकर गर्भाशय में गर्भ का निर्माण करते हे। और गर्भस्थ शिशु का विकास भी यही होता हे।
- Ovaries ऐसे अंग हे जो गर्भाशय (uterus) की दोनों तरफ मौजूद होते हे ये ऐसे अंग हे जिसमे अंडकोशिकाए और [प्रजनन के हॉर्मोन्स उत्पन्न होते हे। इसका आकर अंडे के आकर जैसा होता हे।
- Fallopian tubes ऐसी नालिया होती हे जो ovaries और uterus को एक दूसरे से जोड़ती हे। पुरुष का वीर्य और स्त्री की अण्डकोषिकाए से अगर गर्भाधान (fertilizing an egg) सफल होता हे तो ये Fallopian tubes में ही होता हे । गर्भाधानको (fertilization) फर्टिलाइजेशन भी कहते हे।
- Vagina एक तरह की नहर जैसी जगह हे जो शरीर के बहार के भाग को cervix के साथ जोड़ती हे। प्रजनन के समय पुरुष का वीर्य इसी भाग से अंदर की तरफ जाता हे। ये विस्तृत हो सकती हे और माँ के पेट से बच्चे का जन्म भी इसी मार्ग से होता हे इसलिए इसे birth canal (बर्थ कनाल) भी कहा जाता हे।
External Organs of Female reproductive system in Hindi ( बाह्य अंग )

- Labia Majora का काम प्रजनन के बहरी अंगो की रक्षा करना और उनको जोड़ना हे। जो मांस से बना हुआ गुदगुदा अंग हे। जिसको पुरुष में अंडकोष के ऊपर की चमड़ी से तुलना कर सकते हे। जिसमे पसीना और तेल स्त्रविय ग्रंथि होती हे। जैसे ही महिला पुख्त वे की होती हे ये बाल से थक जाता हे।
- Labia minora जो हे वो Labia Majora के अंदर ही होता हे। लेकिन ये काफी पतला और छोटा भाग हे। जो २ इंच तक छोटा होता हे। जो vagina opening और urethal opening के आजुबाजु होता हे। Labia Minora के अंदर की तरफ urethal opening होता हे जो मूत्राशय से जुड़ा हुआ होता हे। जहा से मूत्र urethal opening से बाहर आता हे।
- Mons pubis – यौन संभोग के दौरान मॉन्स प्यूबिस गद्दी के रूप में कार्य करता है। मॉन्स प्यूबिस में वसामय ग्रंथियां भी होती हैं जो यौन आकर्षण को प्रेरित करने के लिए फेरोमोन का स्राव करती हैं।
- Vagina Opening vagina का बाहरी द्वार हे जो शरीर के बहार खुलता हे। सम्भोग के दरमियान पुरुष के लिंग के द्वारा वीर्य यहाँ छोड़ा जाता हे और स्त्री के मासिक धर्म रक्त इसी जगह से बाहर आता हे।
- Clitoris दो Labia minora जहा ऊपर मिलते हे वो जगह हे जिसका कोई खास कार्य नहीं हे पर लिंग की तरह, उत्तेजना के प्रति बहुत संवेदनशील होता है और सीधा हो सकता है।
stages of development of a baby from fertilization to birth (गर्भावस्था के चरण)

ओव्यूलेशन(Ovulation) वह प्रक्रिया है जिसमें अंडाशय( Ovaries) से एक परिपक्व अंडा निकलता है । Ovulation मासिक धर्म के 3 चरण में बिच का यानि की दूसरा चरण हे। ये 6 दिन के समय के दरमियान जब पुरुर्ष और स्त्री का प्रजनन होता हे तब Female egg के गर्भाधान (Fertilization) होने का उत्तम अवसर हे।
जब प्रजनन के समय पुरुष का वीर्य के माध्यम से लाखों शुक्राणु vagina के अंदर जाते हे। जो cervix और uterus (गर्भाशय) में से Fallopian tube में female egg से मिलते हे। लाखो शुक्राणु में से सिर्फ एक ही शुक्राणु अंडकोशिका (Female egg) को फर्टिलाइज़ करते हे।( Female reproductive system in Hindi )
पुरुष के वीर्य से फीमेल एग को फर्टिलाइज़ होने के 5 -6 दिन बाद ये बहुकोशी हो जाता हे जिसे blastocyst कहते हे। इसका कद छोटी सी पिन के सिरे जितना होता हे और ये तरल पदार्थो से भरा होता हे। blastocyst बाद में गर्भशय की अंदर की परत(endometrium) में खींचा चला जाता हे।
इस प्रक्रिया के बाद ovaries के द्वारा दो हॉर्मोन्स छोड़े जाते हे। एक हे estrogen और दूसरा हे Progesterone ।Estrogen (एस्ट्रोजन)और Progesterone (प्रोजेस्टरोन) हॉर्मोन्स की वजह से गर्भाशय के अंदर की परत मोटी और खून से भरपूर हो जाती हे
National Center for Biotechnology Information के रीसर्च पेपर के मुताबिक blastocyst इसके बाद HCG Signaling molecule रिलीज़ करता हे जिससे मासिक धर्म बंध हो जाता हे और फर्टिलाइज़्ड एग गर्भाशय की परत में ही चिपका रहता हे। Signaling molecule ऐसे पदार्थ हे जो खून में घूमते रहते हे एक से दूसरे अंगो Message पहुंचाने के लिए।
Signaling molecules के बारे में मेने Mind body connection आर्टिकल में भी विस्तृत बात की हे तो ये आर्टिकल भी पढ़े।
blastocyst गर्भाशय में जाकर जुड़ जाता हे जिससे पोषकतत्वों को शोख सके। गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए पोषकतत्व तो जरुरी हे । इस पूरी प्रक्रिया को implantation कहा जाता हे। और ये तो सिर्फ शुरुआत हे ।

blastocyst के बहुकोशी पोषण लेते हे और अगला चरण शुरू होता हे। जिसको embryonic स्टेज भी कहते हे। आंतरिक कोशिकाएं एक चपटी गोलाकार आकृति बनाती हैं जिसे embryonic डिस्क कहा जाता है, जो एक बच्चे के रूप में विकसित होगी।

बाहरी कोशिकाएं पतली झिल्ली बन जाती हैं जो बच्चे के चारों ओर बनती हैं। कोशिकाएं हजारों बार गुणा करती हैं और अंततः embryo (ईएम-ब्री-ओह) बनने के लिए नई स्थिति में चली जाती हैं । करीब 2 महीने के बाद Embryo का साइज 1.5 से 2 सेंटीमीटर तक का होता हे। लेकिन फिर भी मस्तिष्क , दिल, पेट जैसे अंगो का निर्माण हो चूका होता हे।
Fetal स्टेज में, जो करीब फर्टिलाइज़शन के 9 हफ्ते बाद शुरू होता हे। जो बचे के जन्म तक चलता हे। इस स्टेज में बच्चे का विकाश होता हे। placenta जो फर्टिलाइज़्ड एग मेसे ही बनी हुई रचना हे जो माँ के Uterus से जुड़ा हुआ होता हे। बच्चे का umbilical cord(बच्चों के कभी से जुडी हुई नलि) Placenta (एक ऐसी रचना जो बच्चे का ही भाग हे) से जुड़ा हुआ होता हे।(Female reproductive system in Hindi )

placenta के ऊपर के भाग में पेड़ जैसा ढांचा बना हुआ होता हे जिससे माँ से बचे को रक्त के साथ पोषकतत्व और ऑक्सीजन मिलता हे जिससे बच्चे का विकास होता हे।

pregnancy का समय 9 महीने के आसपास होता हे जब बच्चा पूरी तरह से विकसित हो जाता हे तब बच्चे का सर cervix के ऊपर दबाव डालता हे। cervix और vagina कद में बड़ी होती हे जिससे बच्चे को इसमें से बहार निकला जा सके। डिलीवरी के समय माँ की पानी की थैली फटती हे और amniotic fluid प्रवाही बहार निकलता हे । आमतौर पर, पानी के टूटने के बाद, प्रसव जल्द ही शुरू हो जाता है।( Female reproductive system in Hindi)
Menstrual Cycle in Female reproductive system in Hindi (मासिक धर्म चक्र)
महिला के पुख्तवय के होते ही प्रजनन तंत्र( Female reproductive system in Hindi ) में हॉर्मोन्स की गतिविधि चलती हे। जो एक महीने का चक्कर होता हे। जिसमे स्त्री के अंडकोशिकाए परिपक्व होते हे जिससे वह बच्चे पैदा कर सके। इस एक महीने के चक्र को मासिक धर्म और इंग्लिश में Menstrual cycle कहते हे जो लगभग 28 दिन की होती हे।
Menstrual cycle तीन चरण में होती हे जिसके बारे में हम बारी बारी जानेंगे।
Follicular phase :
Follicular phase जो हे मासिक धर्म का पहला चरण हे जो लगभग 14 दिन तक चलता हे। पहले दिन से ही follicle stimulating hormone (FSH) और luteinizing hormone (LH) नामके दो हॉर्मोन्स दिमाग से रिलीज़ होकर ovaries तक पहुंचते हे।
बदले में, ovaries (अंडाशय) एस्ट्रोजन (Estrogen)का उत्पादन करते हैं और छोटे सिस्टिक क्षेत्रों के अंदर अंडाशय में लगभग 20 अंडों की परिपक्वता को उत्तेजित करते हैं जिन्हें फॉलिकल्स(Follicles) कहा जाता है। जैसे ही Estrogen की मात्रा बढ़ती हे वैसे वैसे follicle stimulating hormone (FSH) मात्रा घटती जाती हे।
ये होर्मोनेस के संतुलन की वजह से कुछ ही Follicles परिपक्व होते हे। आखिर में एक ही प्रमुख Follicle आगे के समय में परिपक्व होता हे जब की बाकि के सब Follicles विकसित होना बंध कर देते हे और बाद में मर जाते हे।
Ovulatory Phase
Ovulation जो मासिक धर्म का दूसरा चरण हे जो female Egg के फर्टिलाइज़शन के लिए काफी महत्वपूर्ण चरण हे।

Estrogen का प्रमुख follicle से स्त्राव बढ़ने से दूसरा हॉर्मोन luteinizing hormone(LH) का स्त्राव बढ़ जाता हे। जिसको वजह से प्रमुख Follicle अपना परिपक्व egg छोड़ता हे जो fimbriae (उंगलिओ का जैसा ढांचा जो fallopian Tube के अंत में होता हे : ऊपर की तस्वीर में देखे )के द्वारा fallopian Tube में चला जाता हे।
ये समय में Cervix मेसे बलगम जैसा पदार्थ उत्पन्न होता हे जो प्रजनन के समय में वीर्य को female egg के fertilization के लिए Uterus तक ले जाता हे।(Female reproductive system in Hindi)
Luteal Phase :
ओवुलेशन में एग रिलीज़ होने के बाद खाली Follicle नए कोशिकाओं के ढांचे में बदल जाता हे जिसको corpus luteum कहते हे। ये कोशिकाए प्रोजेस्टरोन नामक हॉर्मोन को रिलीज़ करते हे जो uterus की परत को Fertilization के लिए तैयार करते हे।
फर्टिलाइज़्ड अंडा फैलोपियन ट्यूबों में से एक को गर्भाशय में ले जाता है और गर्भाशय के परत के टिश्यू में प्रत्यारोपण करता है। जब एग फर्टिलाइज़ नहीं होता तब गर्भाशय की परत टूट जाती हे और खून के माध्यम से vagina से बाहर निकल जाती हे। जिसको Menstrual bleeding कहते हे। उसके बाद मासिक धर्म का चक्र शुरू होता हे।

कोई भी स्त्री के जन्म के वक्त लाखो की संख्या में फीमेल एग होते हे। पुख्तवय में जिनमे से 300000 जितने ही बच जाते हे। जिनमेंसे 500 जितने एग का ही ओवुलेशन होगा और बाकि के मेनोपॉज़ के समय में मर जाते हे। जब एक महिला को लगातार 12 महीनों तक मासिक धर्म नहीं होता है तब उसे मेनोपॉज़ कहते हे . ज्यादातर 50 साल के बाद महिलाओ में ये देखने को मिलता हे। हॉर्मोन्स रुक जाते हे और वे बच्चे को पैदा करने में सक्षम नहीं रहते।
तो देखा अपने female reproductive system कितने सारे काम हे। कितनी जटिल और साथ ही साथ अनोखी भी हे। फीमेल एग के उत्पन्न होने से लेकर के , फर्टिलाइज़ेशन और गर्भस्थ शिशु के विकास तक फीमेल रिप्रोडक्टिव सिस्टम मिलके काम करती हे।
तो आजके Female reproductive system in Hindi आर्टिकल में अपने reproductive system के आंतरिक और बाह्य अंगो के बारे में जाना। फिर आपने फीमेल एग के फर्टिलाइज़ेशन से लेकर गर्भस्थ शिशु के विकास के हर एक स्तर को जाना और इसके आलावा आपने मासिक धर्म और उनके चरण के बारे में भी जाना।
आशा करता हूँ के आपको ये एजुकेशनल आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आया हे तो जरूर अपने दोस्तों के साथ शेयर करे जिसे भी विज्ञानं की इस दुनिया में रूचि हे। और हमारे ब्लॉग के बारे में कोई सुझाव हे तो मुझे [email protected] पर मेल करे। धन्यवाद
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