
बायोम क्या है
हेल्लो दोस्तों , Sciencegyani ब्लॉग में आपका स्वागत हे । आज के टॉपिक में बायोम क्या है? ये जानने की कोशिस करेंगे । तो आगे जरूर पढ़ते रहिये ।
जब भी पृथ्वी की अद्भुत प्रकृति हे बारे में बात आती हे तब सबसे पहले जो हमें उत्सुक करती हे वह हे वनस्पति और प्राणी । और ये प्राणी और वनस्पति जहा पनपते हे वो आम तोर पर पृथ्वी के तापमान और वर्षा से प्रभावित हे । जिसकी वजह से अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग वनस्पति और प्राणी का समूह देखने को मिलते हे ।
बायोम क्या है? तो ये अलग-अलग क्षेत्र हे जिसके बारे में हम विस्तार से आज के टॉपिक में बात करेंगे ।
आज के टॉपिक में हम जानेंगे की बायोम क्या है? ये कैसे काम करता हे ? बायोम कितने प्रकार के होते हे ? हम उनकी विशेहताओ के बारे में जानेंगे और आखिर में जानेंगे की बायोम हमारे लिए क्यों महत्वपूर्ण हे ।
बायोम क्या है? या जीवोम क्या है? What is Biome in hindi

बायोम क्या है? बायोम जिसे जीवोम या जैवक्षेत्र के रूप में भी जाना जाता हे । बायोम क्या है UPSC?
बायोम का अर्थ क्या होता है? बायोम, जिसे प्रमुख जीवन क्षेत्र भी कहा जाता है, जिसमे भौगोलिक जैविक समूह रहता हे , जो समान जीवन रूपों और पर्यावरणीय परिस्थितियों वाले पौधों और जानवरों से एक प्रमुख समुदाय बनाता हे । इसमें विभिन्न समुदाय शामिल हैं और इसका नाम प्रमुख प्रकार की वनस्पतियों के आधार पर रखा गया है, जैसे घास के मैदान या शंकुधारी वन।
बायोम बड़े पैमाने पर एक क्षेत्र के भूगोल,तापमान, वर्षा, और आर्द्रता पर आधारित होते हैं। इसलिए, बायोम एक भू-जलवायु क्षेत्र है जिसे वैश्विक स्तर पर पहचाना जा सकता है और इसमें पौधे और जानवर जैसी चीजें शामिल हैं। एक मरुस्थल एक बायोम का एक उदाहरण है और इसके सामान्य तापमान, वर्षा और भूगोल द्वारा पहचाना जा सकता है।
जीवोम का निर्माण कैसे होता है? जलवायु और पारिस्थितिक पर्यावरण की परस्पर क्रिया के परिणामस्वरुप बायोम या जीवोम का निर्माण होता हे। बायोम की निरंतरता पूरी तरह से ग्रह की जलवायु स्थिति पर निर्भर है ।
बायोम का वर्णन अजैविक कारकों जैसे जलवायु(climate) और मिट्टी के प्रकार, और जैविक कारकों जैसे पौधे और पशु जीवन के रूप में किया जाता है। उन्हें पौधों और जानवरों के एक विशिष्ट समुदाय की तरह पहचान नहीं कि जा सकती ,और पर्वत श्रृंखलाएं और ध्रुवीय बर्फ की टोपियां आमतौर पर बायोम में वर्गीकृत नहीं होती हैं ।
सरल भाषा में समझे की बायोम क्या है? तो बायोम दुनिया के ऐसे क्षेत्र हैं जहां समान जलवायु (मौसम, तापमान)के साथ अनुकूलन साधने वाले जानवर और पौधे के समूह देखने को मिलते हैं।
सुनकर इकोसिस्टम (पारिस्थितिक तंत्र) जैसा लगता हे लेकिन आपको उलझन ना हो इसलिए आपको बतादू की बायोम और इकोसिस्टम में काफी फर्क हे । और अक्सर लोग इसके बारे में अस्पस्ट होते हे । में भी था । आइये जानते हे की बायोम और पारिस्थितिकी तंत्र के बिच क्या फर्क हे ?
बायोम और पारिस्थितिकी तंत्र के बीच अंतर , Difference between biome or Ecosystem in hindi
बायोम क्या है? ये समझने के बाद आपको ये तो समझ में गया होगा की बायोम एक भौगोलिक क्षेत्र हे जिसमे सामान पर्यावरणीय परिस्थितिओं में जीने वाले प्राणी और वनस्पति अपना जीवन जीते हे । बायोम क्या है?
और अगर पारिस्थितिक तंत्र की परिभाषा देखे तो समझा जा सकता हे की , (what is an ecosystem in Hindi ?) ये एक पारिस्थितिकी तंत्र एक भौगोलिक क्षेत्र है जहां पौधे, जानवर और अन्य जीव, साथ ही साथ मौसम और परिदृश्य, जीवन को बनाने के लिए मिलकर काम करते हैं।

Difference between biome and ecosystem
सुनने में एक जैसा ही लगता हे दोनों ही भौगोलिक क्षेत्र हे लेकिन दोनों की संकल्पना अलग अलग हे ।
मेरी समझ के मुताबिक, बायोम एक प्रमुख जीवन क्षेत्र को संदर्भित करता है जिसमें सभी पौधों और जानवरों को शामिल किया जाता है जो स्वाभाविक रूप से एक क्षेत्र में होते हैं। ये जीव अपने रहने वाले वातावरण के लिए विशिष्ट, सामान्य विशिष्ट विशेषताएं साझा करते हैं।
जबकि एक पारिस्थितिकी तंत्र पर्यावरण में एक सिस्टम (प्रणाली) को दर्शाता है जिसमें जीवित और निर्जीव दोनों चीजें शामिल हैं। यह वो भौगोलिक क्षेत्र है जहां ये जीवित और निर्जीव घटक एक दूसरे के साथ प्रक्रिया करते हैं और जीवन को बनाए रखते हैं।
बायोम क्या है? बायोम को पारिस्थितिक क्षेत्रों या पारिस्थितिक क्षेत्रों के संग्रह के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। इन पारिस्थितिक क्षेत्रों में पारिस्थितिक तंत्र भी होते हैं और इन पारिस्थितिक तंत्रों में विभिन्न प्रकार के आवास होते हैं।
बायोम का निर्माण जीवों की उनके आसपास की पर्यावरणीय परिस्थितियों के प्रति प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप होता है।
एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण तब होता है जब किसी क्षेत्र में रहने वाले जिव एक दूसरे के साथ और उनके आसपास के अन्य निर्जीव कारकों के साथ प्रक्रिया करते हैं ।
बायोम तापमान, वर्षा, बर्फ आदि जैसी जलवायु परिस्थितियों पर निर्भर करता है । जब की पारिस्थितिकी तंत्र जलवायु कारकों(climate factor) पर निर्भर नहीं करता है। यह जीवित और निर्जीव घटकों के बीच की प्रक्रिया को दर्शाता है।
बायोम का भौगोलिक क्षेत्र पारिस्थितिक तंत्र के भौगोलिक क्षेत्र से काफी बड़ा होता हे । असल में एक बायोम में कई पारिस्थितिक तंत्र होते हैं और पारिस्थितिक तंत्र बायोम का एक हिस्सा बनाता है ।
बायोम में अलग अलग जाती के पौधे और प्राणी की प्रजातिआ देखने को मिलती हे इसलिए बायोम में पारिस्थितिक तंत्र के मुकाबले जैवविविधता ज्यादा देखने को मिलती हे । (जैवविविधता के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए जैव विविधता की महत्वपूर्ण बाते ब्लॉगपोस्ट जरूर पढ़े )
बायोम में सब प्राणी और पौधे एक दूसरे के साथ प्रक्रिया कर भी सकते हे और नहीं भी । लेकिन पारिस्थितिक तंत्र में ये दो जीवो के बिच और जिव और निर्जीव के बिच प्रक्रिया अनिवार्य हे । अलग अलग जीवो और निर्जीव वस्तुओ के बिच की बातचीत से ही पारिस्थितिक तंत्र में संतुलन बना रहता हे ।
आमतौर पर बायोम पृथ्वी के अक्षांश((latitude) से प्रभावित होते हे । जब की पारिस्थितिक तंत्र पृथ्वी के अक्षांश से प्रभावित नहीं होते हे।
जलीय बायोम , मरुस्थल, टुंड्रा, घास के मैदान, जंगल कुछ बायोम के उदाहरण हैं । एक पारिस्थितिकी तंत्र में एक कृषि पारिस्थितिकी तंत्र, जलीय पारिस्थितिकी तंत्र, प्रवाल भित्ति, रेगिस्तान, जंगल, मानव पारिस्थितिकी तंत्र, समुद्र तट क्षेत्र आदि शामिल हैं। (blogtopic : बायोम क्या है?)
आशा करता हूँ की आप समझ गए होंगे की बायोम क्या है? और बायोम और पारिस्थितिकी तंत्र के बिच क्या अंतर हे ?
बायोम के प्रकार : Types of Biome in hindi
बायोम क्या है? और बायोम और पारिस्थितिकी तंत्र के बिच क्या अंतर हे ये जानने के बाद अब समझते हे की बायोम कितने प्रकार की होती है?

हम इंसानो में जटिल चीजों को समझने के लिए चीजों का वर्गीकरण करने की समझ हे । जब भी विविधता की बात आती हे तो हम समझ सकते हे की जैवविविधता कितनी जटिल हे । हमारी प्रकृति इंसानी दुनिया से कई ज्यादा जटिल हे। इसलिए इन चीजों का वर्गीकरण किया जाता हे । (blogtopic : बायोम क्या है?)
हमारी प्रकृति के पर्यावरण को समझने के लिए भी पर्यावरण के भौगोलिक क्षेत्र को भी वर्गीकरण किया गया हे । इन क्षेत्र को तापमान , वर्षा , जलवायु से वर्गीकृत किया गया हे । जिनको हम बायोम केहते हे ।
बायोम कितने प्रकार के होते हैं? (World Wildlife Fund for Nature) वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) ने अपने ग्लोबल 200 प्रोजेक्ट के साथ बायोम को वर्गीकृत किया है। इसमें 26 प्रकार के बायोम सूचीबद्ध हैं (इन्हें ईकोरियोजन भी कहा जाता है)।
पाँच प्रमुख बायोम के नाम लिखिए । पृथ्वी के मुख्य बायोम कौन से है?
पांच प्रमुख प्रकार के बायोम हैं:जलीय, घास के मैदान, वन बायोम, रेगिस्तान और टुंड्रा।
बायोम का वर्गीकरण – जीवोम क्या है जीवोम के वर्गीकरण का वर्णन : बायोम को और अधिक विशिष्ट श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है, जैसे कि मीठेपानी (Freshwater), समुद्री(marine), सवाना, उष्णकटिबंधीय वर्षावन(tropical rainforest), समशीतोष्ण वर्षावन(temperate rainforest) और टैगा(taiga)।
विश्व के प्रमुख जीवोम को दो प्रमुख समूहों में वर्गीकृत किया गया है: जलीय और स्थलीय । स्थलीय बायोम भूमि पर आधारित होते हैं, जबकि जलीय बायोम में महासागर और मीठे पानी के बायोम दोनों शामिल होते हैं। आज हम कुछ मुख्य बायोम के बारे में बात करेंगे ।
जलीय बायोम क्या है? (Aquatic Biome in hindi):

जलीय बायोम सभी बायोम में सबसे बड़ा है, जो पृथ्वी की सतह के लगभग 71 प्रतिशत हिस्से को कवर करता है।
जलीय बायोम में दुनिया भर के वे आवास शामिल हैं जिन पर पानी का प्रभुत्व है।
जलीय बायोम का अध्ययन बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। क्षेत्रफल के अनुसार जलीय बायोम व्यापक हैं, जो जलीय बायोम को सभी बायोम में सबसे बड़ा बनाता हैं।
बायोम की संकल्पना सबसे पहले स्थलीय बायोम के लिए बनाई गई थी जिसमें प्रमुख वनस्पति का विकास रूप जलवायु परिस्थितियों को दर्शाता है। लेकिन जलीय बायोम में ये मुमकिन नहीं हे । (blogtopic : बायोम क्या है?)
क्यूंकि जलीय बायोम में उत्पादक एकल-कोशिका वाले शैवाल होते हैं, जो एक विशिष्ट संरचना के साथ “वनस्पति” नहीं बनाते हैं, वनस्पति के आधार पर जलीय बायोम को परिभाषित करना असंभव होगा।
इसलिए जलीय बायोम में प्रमुख भौतिक कारक पानी की गहराई, पानी का तापमान, प्रवाह दर, ऑक्सीजन और पोषक तत्व हैं, और जलीय जीवों के रचना-संबंधी गुण इन कारकों के संबंध में ज्यादातर भिन्न नहीं होते हैं ।
यह बायोम आमतौर पर दो श्रेणियों में विभाजित होता है: मीठे पानी और समुद्री ।
मीठे पानी का बायोम क्या है? (freshwater biome in hindi)
धाराएँ, नदियाँ, दलदल, तालाब, झीलें, खाइयाँ, पोखर,नहरें और सहायक नदियाँ मीठे पानी के बायोम में शामिल होते हैं।





मीठे पानी का बायोम एक जलीय बायोम है जो पृथ्वी की सतह के पांचवें हिस्से को कवर करता है । इस बायोम में जानवर और पौधे पानी के किनारे, खुले पानी के नीचे, पानी की सतह पर, या पानी और निकटतम बायोम के बीच में रह सकते हैं ।
ये सभी जिव के लिए पिने के पानी का स्त्रोत हे इसलिए इसको बचाना बहुत ही महत्वपूर्ण हे । (blogtopic : बायोम क्या है?)
इन मीठे पानी के बायोम में पौधे और जानवर मीठे पानी में कम खारे पानी से अनुकूल होते हैं और उच्च नमक सांद्रता वाले क्षेत्रों में जीवित रहने में असमर्थ होते हैं।
नदियाँ और धाराएँ : नदियों और नालों का पानी एक दिशा में प्रवाहित होता है जो स्रोत से शुरू होकर मुंह तक जाता है जहां बहता हुआ पानी एक बड़े खंड में खाली हो जाता है । भूदृश्य(landscape) का ढाल जल प्रवाह की दिशा और गति को निर्धारित करता है।
तेज गति से बहने वाली नदियों और झरनों की धाराएं तेजी से बहने वाली नदियों और नालों में कार्बनिक पदार्थों के अधिक संचय को रोकती हैं ।(blogtopic : बायोम क्या है?)
खड़े पानी के अंतर्देशीय निकायों यह कुछ वर्ग मीटर जितना छोटा या एक हजार वर्ग मीटर जितना बड़ा हो सकता है।
कुछ तालाब हर साल केवल कुछ हफ्तों या महीनों के लिए पानी से भरे जा सकते हैं जबकि कुछ झीलें सैकड़ों वर्षों से मौजूद हैं।
आर्द्रभूमि(wetlands) दलदली जैसे क्षेत्र हैं जो पानी से भरा हैं और जलीय पौधों को सहारा देते हैं जिन्हें आर्द्रभूमि कहा जाता है।


आर्द्रभूमि की नम मानवीय परिस्थितियों में उगने वाली पौधों की प्रजातियों में पोंड लिली कैटेल और विलो शामिल हैं
आर्द्रभूमि में उच्च स्तर की प्रजाति विविधता होती है। कई उभयचर(पानी और भूमि दोनों पर रहने वाला) ,सरीसृप प्राणी और पक्षी आर्द्रभूमि में रहते हैं। (blogtopic : बायोम क्या है?)
समुद्री बायोम क्या है? (marine biome in hindi) :

समुद्र में काफी बड़ी मात्रा में पानी होता हे जो पृथ्वी के सबसे बड़े प्राकृतिक निवास स्थान हे । एक एकल समुद्र में तापमान और खारापन में तफावत की वजह से कई अलग जल द्रव्यमान(water mass), पानी के नीचे की पर्वत श्रंखला, प्रबल धारा(water current) और अलग अलग जल घनत्व(water density) देखने को मिलता हे ।
समुद्री वातावरण में बदलाव , अक्षांस से अंतर , भूमि से अन्तर और समुद्र की गहराई पर निर्भर करता हे । जिससे उस समुद्री वातावरण में तापमान , प्रकाश , खारापन , दबाव , प्रबलधारा , लहर और पोषकतत्वों में विविधता देखने को मिलती हे ।
सागरीय बायोम में प्राथमिक उत्पादक कौन होते हैं प्राथमिक उत्पादक अपनी ऊर्जा स्वयं संश्लेषित करते हैं । प्राथमिक उत्पादक बैक्टीरिया, फाइटोप्लांकटन और शैवाल(algae) हे जो जलीय खाद्य वेब का आधार बनाते हैं ।
समुद्र की सतह से समुद्र तल तक पानी में अलग परतें देखने को मिलती हे जो छोटे और बड़े समुद्री जोवी के पोषकतत्व उपलब्धी के लिए महत्वपूर्ण होते हे । ये परतें, जिन्हें “ज़ोन” के रूप में जाना जाता है, सतह से सबसे चरम गहराई तक फैली हुई हैं जहाँ प्रकाश प्रवेश नहीं कर सकता है। (blogtopic : बायोम क्या है?)

ये पांच स्तर होते हे जो अनुक्रमिक एपिपेलैजिक ज़ोन (सनलाइट ज़ोन), मेसोपेलैजिक ज़ोन (ट्वाइलाइट ज़ोन), बाथपेलैजिक ज़ोन (मिडनाइट ज़ोन), एबिसोपेलैजिक ज़ोन (एबिस), हैडल पेलजिक ज़ोन (खाइयाँ) हे। ये गहरे क्षेत्र हैं जहां समुद्र में कुछ सबसे विचित्र और आकर्षक जीव पाए जा सकते हैं।
एपिपेलैजिक ज़ोन या सनलाइट ज़ोन समुद्र की सतह से 200 मीटर(656 feet) की गहराई तक होता हे । जहां अधिकांश प्रकाश मौजूद है । (blogtopic : बायोम क्या है?)
सनलाइट ज़ोन के नीचे मेसोपेलैजिक ज़ोन है, जो 200 मीटर (656 फीट) से लेकर 1,000 मीटर (3,281 फीट) तक फैला हुआ है । यहाँ अत्यंत मंद प्रकाश प्रवेश करता हे । इस क्षेत्र में हम बायोल्यूमिनसेंट जीवों की टिमटिमाती रोशनी देखना शुरू करते हैं। यहां अजीबोगरीब और विचित्र मछलियों की एक बड़ी विविधता पाई जा सकती है।
मेसोपेलैजिक ज़ोन या ट्वाइलाइट ज़ोन के बाद बाथपेलैजिक ज़ोन आता हे । यह क्षेत्र 1,000 मीटर (3,281 फीट) से नीचे 4,000 मीटर (13,124 फीट) तक फैला हुआ है। यहाँ केवल स्वयं प्राणियों द्वारा दृश्य प्रकाश उत्पन्न होता है । ये लेयर में पानी का दबाव काफी ज्यादा होता हे फिर भी यहाँ बड़ी संख्या में जीव पाए जा सकते हैं।
भोजन की तलाश में स्पर्म व्हेल इस स्तर तक आ सकती हैं। इन गहराइयों में रहने वाले अधिकांश जानवर प्रकाश की कमी के कारण काले या लाल रंग के होते हैं। (blogtopic : बायोम क्या है?)
आगे और गहराई में एबिसोपेलैजिक ज़ोन हे । यह 4,000 मीटर (13,124 फीट) से 6,000 मीटर (19,686 फीट) तक फैला हुआ है। यहाँ पर तापमान काफी ठंडा होता हे । इस गहराई पर बहुत कम जीव पाए जा सकते हैं । समुद्र तल का तीन-चौथाई भाग इसी क्षेत्र में स्थित है।
एबिसोपेलैजिक ज़ोन से निचे हैडलपेलजिक ज़ोन है। यह परत 6,000 मीटर (19,686 फीट) से लेकर समुद्र के सबसे गहरे हिस्से तक फैली हुई है। ये क्षेत्र ज्यादातर गहरे पानी की खाइयों और घाटियों में पाए जाते हैं ।
इस क्षेत्र का पानी बहुत ठंडा (लगभग 3 डिग्री सेल्सियस), अत्यधिक दबाव वाला, ऑक्सीजन की मात्रा में उच्च, लेकिन पोषक तत्वों में कम है। दबाव और तापमान के बावजूद यहां जीवन अभी भी पाया जा सकता है। स्टारफिश और ट्यूब वर्म जैसे अकशेरुकी जीव इन गहराइयों में पनप सकते हैं।
मूंगे की चट्टानें या प्रवालभीति (coral reefs) :
प्रवाल भित्तियाँ गर्म उथले पानी में व्यापक रूप से फैली हुई होती हैं। प्रवाल भित्तियों में प्रमुख जीव प्रवाल हैं। प्रवाल दिलचस्प हैं क्योंकि ये एक पथ्थर की शिला की तरह दिखती हे लेकिन ये उनमें शैवाल (ज़ूएंथेला) और पशु पॉलीप के ऊतक(tissue) शामिल हैं। (blogtopic : बायोम क्या है?)

प्रवाल प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से शैवाल से पोषक तत्व प्राप्त करते हैं और जिससे ये अलग अलग रंग की चट्टानों के रूप में दिखाई पड़ती हे । कोरल के अलावा, इसी प्रदेश के जीवों में सूक्ष्मजीवों, अकशेरुकी, मछलियों, ऑक्टोपस और स्टारफिश की कई प्रजातियां शामिल हैं ।
खाड़ियां (Estuaries) :
खाडीआ वो जगह होती हे जहा मीठा पानी की धाराएँ या नदियाँ समुन्दर के खारा पानी से मिलता हे । इनमे बायोम के प्राथमिक उत्पादक फाइटोप्लांकटन होते हे जो अन्यप्राणिओ के लिए खाना बनाते हे । इन जगह पर उच्च जैविक उत्पादकता देखने को मिलती हे । (blogtopic : बायोम क्या है?)
इसके आलावा Estuaries मछली , पक्षी और अन्य प्राणिओ के छोटे बच्चों की परवरिश के लिए सुरक्षित पर्यावरण हे । ये समुद्र में जा रहे पानी में से कीटाणु और अन्य प्रदूषक को दूर करता हे ।
तो इसी के साथ आपने समझ लिया होगा की जलीय बायोम क्या है? जिसमे हमने समुद्री बायोम क्या है? और मीठे पानी का बायोम भी जाना । आगे बढ़ते हे और जानते हे स्थलीय बायोम क्या हे ?
स्थलीय बायोम क्या हे? (terrestrial biome in hindi)
जलीय बायोम में महासागर और मीठे पानी के बायोम दोनों शामिल होते हैं लेकिन स्थलीय बायोम भूमि पर आधारित होते हैं ।पृथ्वी पर 4 प्रमुख स्थलीय बायोम प्रत्येक विशिष्ट तापमान और वर्षा की मात्रा पे आधारित हैं।

बायोम क्या है प्रमुख प्रकार के स्थलीय बायोम का वर्णन करें? एक स्थलीय बायोम एक भूमि का एक क्षेत्र है जिसमे समान जलवायु के साथ पौधों और जानवरों के समान समुदाय शामिल हैं। स्थलीय बायोम मुख्य चार हे घास के मैदान, वन बायोम, रेगिस्तान और टुंड्रा ।(blogtopic : बायोम क्या है?)
1.घास के मैदान बायोम क्या हे ? (grassland biome in hindi):
सवाना बायोम क्या है ? जिनको सवाना बायोम भी कहा जाता हे सभी मुख्य बायोम के प्रकार में से एक हे । यहाँ पर मुख्य वनस्पति में ज्यादा घास देखने को मिलता हे । ये बड़े पैमाने पर, घास, फूलों और जड़ी-बूटियों के इलाके हैं । वैश्विक स्तर पर पर्यावरण में 31 से 41 प्रतिशत भूमि पर घास के मैदान पाए जाते हे । (blogtopic : बायोम क्या है?)
इतने विशाल भूमि द्रव्यमान को मिलाकर, यह स्वाभाविक रूप से कई प्रकार के बड़े और छोटे जानवरों, कीड़ों और पक्षियों का घर है। अंटार्कटिका के आलावा सभी महाद्वीप में ये पाया जाता हे ।
और आपको ये भी बता दू की यहाँ पर सभी जीवो की प्रजातियों में से अधिकांश में पाचन तंत्र विशेष रूप से घास को पचाने के लिए विकसित होता है, जो उनके आहार का एक बड़ा हिस्सा होता है।
घास के मैदान सबसे तेज़ जानवर (चीता), सबसे बड़ा स्थलीय स्तनपायी हाथी, सबसे बड़ा पक्षी (शुतुरमुर्ग), साथ ही दुनिया में सबसे भारी सांप हरा एनाकोंडा का घर है ।(blogtopic : बायोम क्या है?)

इन क्षेत्र में सामान्य तापमान लगभग -20 डिग्री सेल्सियस से 30 डिग्री सेल्सियस तक होता है । अक्षांश, मिट्टी और क्षेत्रीय जलवायु सबसे अधिक तय करती है कि किसी विशिष्ट घास के मैदान में किस प्रकार की फसलें विकसित होगी । घास का मैदान एक ऐसा क्षेत्र है जहां सामान्य वार्षिक वर्षा घास के उगने के लिए पर्याप्त है।
घास के मैदानों में उष्णकटिबंधीय घास के मैदान, शीतोष्ण घास के मैदान पाए जाते हे।
उष्णकटिबंधीय घास के मैदान (Tropical grasslands in hindi):
इस तरह के घास के मैदान भूमध्य रेखा(Equator) के दोनों तरफ पाए जाते हे । यहाँ पर 3 से 4 मीटर की उचाई तक घास उगते हे । यहाँ पर मध्यम से कम वर्षा की मात्रा देखने को मिलती हे ।(blogtopic : बायोम क्या है?)
उत्तर भारत, मध्य भारत और गुजरात के कुछ क्षेत्रों और घाटों के कुछ क्षेत्रों में उष्णकटिबंधीय घास के मैदान देखने को मिल जाते हे । भारत में ये घास के मैदान आमतौर पर नदी के आसपास पाए जाते हैं जैसे भारत-गंगा और उत्तर में ब्रह्मपुत्र के मैदान, गुजरात में नर्मदा के मैदान आदि इसके उदाहरण हे ।
शीतोष्ण घास के मैदान(Temperate grasslands in hindi) : ये विभिन्न अक्षांशीय क्षेत्रों के साथ-साथ महाद्वीपों के अंदरूनी हिस्सों में पाए जा सकते हैं। इस क्षेत्र में घास आमतौर पर छोटी और स्वस्थ होती है।
2. वन बायोम क्या हे ? (forest biome in hindi) :
इंसानो और प्राणिओ की क्रमागत उन्नति(evolution) में वन बायोम बहुत ही महत्वपूर्ण रहा हे । आदि मनुष्य शिकारी थे और उन्होंने वन बायोम को प्राकृतिक निवास स्थान के रूप में अपनाया था । अपने शुरुआती दिनों से, बड़े जानवरों को मारने के साधनों की कमी के कारण शिकारी आहार में विभिन्न घास, कंद, फल, बीज और नट शामिल थे।
इसके आलावा ये जंगल के झाड़िओ और वनस्पति का उपयोग आश्रयस्थान और ठण्ड से बचने के लिए हल्की आग लगाने के लिए भी करते । वे कीड़ों, पक्षियों और स्तनधारियों के साथ विकसित हुए । ग्रह की सतह पर लाखों वर्षों से उष्णकटिबंधीय वनों का प्रभुत्व था और समशीतोष्ण वन उत्तरी गोलार्ध में फैले हुए हैं ।(blogtopic : बायोम क्या है?)
आज वन बायोम पृथ्वी के क्षेत्रफल के एक तिहाई भाग में स्थित हे । लेकिन वन बायोम किसे कहते हे ये जान लेते हे ।
what is forest biome in hindi
वन बायोम क्या है? वन बायोम भूमि पर वो जैवक्षेत्र हे जहा पर काफी घने वृक्ष देखने को मिलते हे , और जिसमे पौधों, जानवरों और इन क्षेत्रों में रहने वाले अन्य जीवों के विशिष्ट समुदाय हैं। वन बायोम सभी बायोम में पारिस्थितिक रूप से सबसे जटिल प्रणाली हे ।
इनमें पेड़, पौधे, स्तनधारी, सरीसृप, उभयचर, अकशेरुकी, कीड़े और सूक्ष्म जीवों का विस्तृत वर्गीकरण होता है जो क्षेत्र की जलवायु के आधार पर भिन्न होते हैं। दुनिया भर में तीन अलग-अलग प्रकार के वन पाए जाते हैं: उष्णकटिबंधीय वन, समशीतोष्ण वन और बोरियल वन।(blogtopic : बायोम क्या है?)
वन बायोम कितने प्रकार के होते हैं? वन बायोम के प्रकार : वन बायोम मुख्य तीन प्रकार के हे : उष्णकटिबंधीय वन, समशीतोष्ण वन और बोरियल वन।
1. उष्णकटिबंधीय वन (tropical forests in hindi) :
उष्णकटिबंधीय वन बंद आच्छादित वन हे । इसका मतलब है कि बहुत कम रोशनी वन तल की परतों तक पहुंच पाती है। इसलिए ये परतें बहुत गहरी हैं । वे भूमध्य रेखा के पास होते हैं। (blogtopic : बायोम क्या है?)

वे दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में पाए जाते हैं। भारत के उष्णकटिबंधीय वर्षावन अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पश्चिमी घाट, जो अरब सागर को किनारे करते हैं, और पूर्वोत्तर में अधिक से अधिक असम क्षेत्र में पाए जाते हैं।
यहाँ का औसत तापमान 20 से 25 डिग्री सेल्सियस और 12 घंटा दिन का प्रकाश रहता हे । साल में ठंड का मौसम नहीं होता हे ज्यादातर गर्मी का मौसम रहता हे और वर्षा का मौसम देखने को मिलता हे । उष्णकटिबंधीय वन की विशेषता प्रजातियों की सबसे बड़ी विविधता है ।(blogtopic : बायोम क्या है?)
2. समशीतोष्ण वन (temperate forests in Hindi) :

समशीतोष्ण वनों को उच्च स्तर की वर्षा, आर्द्रता और विभिन्न प्रकार के पर्णपाती पेड़ों वाले क्षेत्र हे । यह जंगल मध्यम रूप से घना है जिसकी वजह से प्रकाश जमीन रक् प्रवेश कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप अच्छी तरह से विकसित और समृद्ध विविध वनस्पति और जानवरों में विविधता देखने को मिलती है।
उष्णकटिबंधीय वनों के विपरीत, समशीतोष्ण वन अलग-अलग मौसमों का अनुभव करते हैं। काफी लम्बे समय तक मौसम देखने को मिल सकता हे और हर साल अच्छी मात्रा में वर्षा होती हे ।(blogtopic : बायोम क्या है?)
यह की मिट्टी उपजाऊ है और तापमान -30 डिग्री से 30 डिग्री तक जा सकता हे । समशीतोष्ण वन में समशीतोष्ण पर्णपाती वन, देवदार के जंगल और समशीतोष्ण वर्षावन शामिल हैं।(blogtopic : बायोम क्या है?)
इस तरह के समशीतोष्ण वन उत्तर अमेरिका और यूरोप में देखने को मिलते हे । भारत में खास कर पूर्वोत्तर भारत में , पश्चिम बंगाल और उत्तरांचल के पहाड़ी इलाकों में देखने को मिलते हे ।
बोरियल वन (Boreal forest in hindi):
बोरियल वन, जिसे टैगा या शंकुधारी वन के रूप में भी जाना जाता है, यह प्रमुख जीवन क्षेत्र मुख्य रूप से शंकुधारी नुकीले पत्तों वाले सदाबहार पेड़ों से बना होता है।(blogtopic : बायोम क्या है?)

सर्दियाँ लंबी और बहुत ठंडी होती हैं, दिन छोटे होते हैं, और लगातार बर्फ़बारी एक सामान्य बात है। समशीतोष्ण वनों की तुलना में प्रजातियों की विविधता कम है। टैगा में पौधे और जानवर लंबे दिनों के छोटे बढ़ते मौसमों के अनुकूल होते हैं जो ठंडे से गर्म तक भिन्न होते हैं।(blogtopic : बायोम क्या है?)
कुल मिलाकर, मिट्टी में अपेक्षाकृत कम उपजाऊपन और अम्लीय है,इसलिए यह बढ़ते पौधों के लिए अच्छा नहीं है। अधिकांश पोषक तत्व मिट्टी की ऊपरी परत में पाए जाते हैं जहां कार्बनिक पदार्थ पाए जाते हैं ।
बोरियल वन को केनेडा, रशीआ और उत्तरी यूरोप के अधिकांश हिस्सों में पाया जाता हे ।
रेगिस्तान या मरुस्थली बायोम (dessert biome in hindi)
रेगिस्तान तो आप सभी समझते ही होंगे पर देखा जाये तो तकनीकी रूप से, कोई भी क्षेत्र में प्रति वर्ष एवरेज 10 इंच से कम बारिश होती है, तो इसे रेगिस्तान के रूप में माना जाता है।(blogtopic : बायोम क्या है?)

रेगिस्तान पृथ्वी के लगभग 20% भाग को कवर करते हैं। यहाँ पर जीवन की स्थिति पौधे और पशु जीवन के लिए प्रतिकूल है। इस बायोम में मिट्टी की एक परत रेगिस्तान के प्रकार के आधार पर रेतीली, बजरी या पथरीली होटी है ।
रेगिस्तानी बायोम में थॉर , झाड़ियाँ, कार्डोन, कैमल थॉर्न ट्री, कांटेदार नाशपाती और सगुआरो जैसे पौधे पाए जाते हैं। रेगिस्तान में पौधों और कुछ जीवों ने पानी के संरक्षण के लिए अनुकूलित किया है । जिससे ये कम पानी में भी पनपते हे ।
रेगिस्तानी बायोम में सांप, छिपकली, टारेंटयुला(एक बड़े बालों वाली मकड़ी), साही और कोयोट जैसे जीव पाए जाते हैं।
तेज धूप, उच्च तापमान और तेज हवाओं के कारण वनस्पतियों और जीवों को पर्याप्त पानी नहीं मिलता है । रेगिस्तान का तापमान औसतन 38 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ कर रात में, ये तापमान औसतन -3.9 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है ।
रेगिस्तानी बायोम ज्यादातर उपोष्णकटिबंधीय अक्षांशों में स्थित है, जो एशिया, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका के कुछ हिस्सों में फैला हुआ है ।(blogtopic : बायोम क्या है?)
टुंड्रा (Tundra biome in hindi ) :

शब्द “टुंड्रा” फिनिश शब्द टुंटुरिया से उत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ है बंजर या वृक्षरहित पहाड़ी होता हे । इसका मतलब टुंड्रा बायोम के जैवक्षेत्र पर वनस्पति और पौधे तो होते हे लेकिन यहाँ पेड़ नहीं होते हे ।(blogtopic : बायोम क्या है?)
यहाँ की मिट्टी की ऊपरी स्तर में नाइट्रोजन और फास्फोरस जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी की वजह से यहाँ पर पौधा का विकास नहीं होता हे । इसलिए टुंड्रा बायोम पर खास कर छोटी झाड़ियों, घास, काई, सेज और लाइकेन जैसी जमीन से कम उचाई पर उगने वाली वनस्पति देखि जाती हे । ये क्षेत्र चट्टानी, वृक्षरहित भू-दृश्य कम वनस्पति से आच्छादित है।
यहाँ पर भी वर्षा 10 इंच से कम देखने को मिल जाती हे और इसलिए जैसे की मेने पहले बात की इसे भी एक तरह से रेगिस्तान केह सकते हे । यहाँ की जलवायु परिस्थिति काफी कठोर और इसलिए ये टुंड्रा पृथ्वी पर सबसे दुर्गम बायोम में से एक है ।
यहाँ का तापमान गर्मी में भी 3 से 12 डिग्री सेल्सियस और सर्दिओ में -18 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता हे । तापमान के साथ साथ यहाँ पर हवा भी काफी कठोर हे । कई बार इसके ठन्डे तापमान की वजह से इसे बर्फ का रेगिस्तान भी कहा जाता हे ।
आर्कटिक टुंड्रा, अल्पाइन टुंड्रा बायोम के दो प्रकार हे । आर्कटिक टुंड्रा बायोम सबसे उत्तरी बायोम है। यह आर्कटिक सर्कल के उत्तर में ध्रुवीय बर्फ की टोपी तक की भूमि को कवर करता है और अल्पाइन टुंड्रा दुनिया में पहाड़ों पर उच्च ऊंचाई पर स्थित है जहां पेड़ नहीं उग सकते हैं ।(blogtopic : बायोम क्या है?)
Conclusion / क्या सीखा आपने ?
आशा करता हूँ दोस्तों को आज बायोम क्या हे आपको समझ में आया होगा । और उनके मुख्य प्रकार के बारे में काफी जानकारी आपको मिली होगी । आइये एक बार नजर डालते हे की आपने आज क्या सीखा ?
बायोम क्या हे ब्लॉगपोस्ट में आपने आज बायोम की परिभाषा को जाना और समझा । हमने इकोसिस्टम यानि की पारिस्थितिक तंत्र और बायोम के बिच के अंतर को भी समझा ।
आगे हमने जाना की बायोम के कितने प्रकार हे जैसे जलीय बायोम और स्थलीय बायोम । और इसके बाद हमने जलीय बायोम और स्थलीय बायोम के प्रकार के बारे में भी जाना ।
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