
तारे क्यों चमकते हैं
हेलो दोस्तों , स्वागत हे आपका Sciencegyani के इस ब्लॉगपोस्ट में । आप को शायद पता होगा की ब्रह्मांड के सभी पदार्थो में पहले उद्भव तारो का हुआ था । इन की ऊर्जा से ही अंतरिक्ष में रहे सभी पदार्थो का अस्तित्व हे । लेकिन क्या आप ये जानना चाहते हे आखिर ये तारे क्यों चमकते हैं ?
हमारे पृथ्वी से सबसे नजदीक सूर्य भी एक तारा ही हे जो हमें असीमित ऊर्जा प्रदान करता हे । लेकिन आप भी शायद सोचते होंगे की तारो को ये ऊर्जा मिलती कहासे हे ? इस तारो का उद्भव कैसे हुआ और सबसे पहले तारे का जन्म कैसे हुआ ? तो आप बिलकुल सही जगह पर आए हे ।
आज के इस ब्लॉगपोस्ट में हम तारो के बारे में सभी दिलचस्प चीजों के बारे में जानेंगे जैसे तारे क्या होते हैं ? तारे क्यों चमकते हैं ? उनका जन्म कैसे हुआ ? वो किन चीजों से बना हुआ हे ? और तारे क्यों टिमटिमाते हैं ?
इस ब्लॉगपोस्ट के अंत में आपको तारे के बारे में सभी दिलचस्प चीजों के बारे जानकारी मिल जाएगी तो जरूर बने रहिये ।
तारे क्या होते हैं :
तारे क्यों चमकते हैं? ये जानने के लिए सबसे पहले आपको जानना होगा की तारे क्या होते हे और इनका जन्म कैसे हुआ ? जिससे आपको तारे क्यों चमकते हैं? का जवाब समझने में आसानी हो जाएगी । चलिए समझते हे ।
(big bang) महाविस्फोट और प्रकाश का युग
ऐसा माना जाता हे की हमारे यूनिवर्स की शुरुआत 13.7 अरब(billion) साल पहले हुई थी । जिसकी शुरुआत (big bang) महाविस्फोट से हुई थी । जिसको Big bang theory के नाम से जाना जाता हे । जब ये महाविस्फोट हुआ तब हमारा ब्रह्माण्ड प्रकाश से उज्वलित था । उसमे अंधकार नहीं था ।

जब ब्रह्माण्ड 6000 डिग्री सेल्सियस जितना ठंडा हुआ तब हिलीयम वायु की रचना हुई और 3000 डिग्री सेल्सियस पर हाइड्रोजन । धीरे धीरे ब्रह्माण्ड ठंडा होता गया । हीलियम और हाइड्रोजन चारो तरफ फैलता गया । ऐसा माना जाता हे की महाविस्फोट के लगभग 5,00,000 (5 लाख ) साल बाद हमारा ब्रह्माण्ड पूरी तरह से अंधकारमय हो गया । महाविस्फोटसे प्रकाश के अंत तक के समय को प्रकाश का युग(AGE OF LIGHT) माना जाता हे । (तारे क्यों चमकते हैं)

माना जाता हे की इस युग के ख़त्म होने के बाद और महाविस्फोट के 18 करोड़(180 million) साल बाद सबसे पहले तारे या तारो का जन्म हुआ होगा । लेकिन ये बड़े तारे थे , छोटे थे या तारो का समूह था ये केहपाना काफी मुश्किल हे । जिनमे से हमारा सूर्य भी एक हो सकता हे । Source1 तारे क्यों चमकते हैं)
सूर्य भी एक तारा हे और उसका लाइफटाइम 10 बिलियन साल हे । विज्ञानिको का कहना हे की सूर्य के 80 प्रतिशत द्रव्यमान जितना तारा भी 13 बिलियन साल तक चमक सकता हे । जिसका मतलब अभी भी ऐसे तारे ब्रह्माण्ड में होंगे जिनका उद्भव महाविस्फोट के बाद हुआ होगा । (तारे क्यों चमकते हैं)
सितारो की उत्पत्ति कैसे हुई ?
अगर हमारे ब्रह्माण्ड की उत्पत्ती को 13.7 अरब साल हे तो हम आज भी उस समय में उत्पन हुए प्रकाश को देख सकते हे । क्यूंकि जो प्रकाश भूतकाल में उत्सर्जित हुआ हे ,वो प्रकाश की गति से यात्रा करता है । जब प्रकाश गति करता हे तब समय भी गुजरता हे । (तारे क्यों चमकते हैं)और हम जो तारे की चमक या प्रकाश देखते हे वो दर्शाता हे की ये भूतकाल में केसा दिखता था ।
(तारे क्यों चमकते हैं) तारो का भूतकाल तारो की हमसे दुरी कितनी हे उसपर निर्भर करती हे । चूँकि तारे बहुत दूर हैं, इसलिए उनके प्रकाश को हम तक पहुँचने में वर्षों लग जाते हैं। इसलिए, जब आप किसी तारे को देखते हैं, तो आप वास्तव में वह देख रहे होते हैं जो वर्षों पहले जैसा दिखता था। और ऐसा भी हो सकता हे की जिस तारे की रौशनी आप आकाश में देख रहे हो उसका शायद अभी ब्रह्माण्ड में अस्तित्व ही न हो ।
हमारे ब्रह्माण्ड में प्रकाश युग के दरमियान उत्सर्जित हुए प्रकाश का अवलोकन करने के लिए 2001 में Wmap’s उपग्रह लांच कीया गया था । महाविस्फोट के 380000 वर्ष बाद जो प्रकाश उत्सर्जित हुआ इसे माइक्रोवेव के रूप में WMAP उपग्रह के द्वारा पता लगाया गया । (तारे क्यों चमकते हैं?)
WMAP एक संकेत का पता लगाता है जो युवा ब्रह्मांड के अवशेष का प्रकाश है, ये एक पैटर्न हे जो उस समय को बताता हे जब ब्रह्मांड केवल 380,000 वर्ष पुराना था । जैसे-जैसे अगले 13 अरब वर्षों में ब्रह्मांड का विस्तार हुआ, इस प्रकाश ने ऊर्जा खो दी और तेजी से लंबी तरंगदैर्ध्य(wavelengths) में फैल गई । आज, इसे माइक्रोवेव के रूप में पहचाना जा सकता है ।
WMAP उपग्रह के द्वारा ब्रह्माण्ड के सभी दिशाओ में से 13.7 अरब साल पहले उत्सर्जित हुई प्रकाश की तीव्रता का अवलोकन करने पर पता लगाया जा सकता हे की उस समय महाविस्फोट के बाद अंतरिक्ष में कैसे पदार्थ फैल गए होंगे ।
महाविस्फोट के बाद जो हीलियम और हाइड्रोजन अंतरिक्ष में फैले हुए थे ये घनत्व में असमान होने लगे । ये दोनों वायु अपने गुरुत्व के कारण इक्कठे हो चुके थे और उससे मकड़ी का जाले की तरह रचना हुई । कई सालो बाद इससे गैस का गोलाकार द्रव्यमान की रचना हुई होगी । (तारे क्यों चमकते हैं?)

इस गोलाकार द्रव्यमान के केंद्र , अन्तर्भाग(Core) में वायु का घनत्व ज्यादा था । धीरे धीरे गोलाकार द्रव्यमान के ऊपर और निचे वायु का घनत्व कम होता गया और आजुबाजु का वायु केंद्र में चला गया जिससे इसका केंद्र काफी अधिक वज़नदार हो गया । (तारे क्यों चमकते हैं) वायु केंद्र में इतने दबाव डालते हे के अन्तर्भाग(Core) का तापमान 100 मिलियन डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता हे और नुक्लिअर फ्यूज़न(Nuclear Fusion) शुरू हो जाता हे जिससे आत्म-रोशनी वाला तारे का जन्म होता हे ।

(WMAP उपग्रह के Data और प्रकृति के सिंद्धांत जो कणों(particles) के बीच कार्य करते हे उन्हें ध्यान में रखते हुए , 107 सूत्रों (जैसे द्रवगतिकी का समीकरण , ब्रह्मांड के विस्तार का आइंस्टीन समीकरण आदि ) का उपयोग और कई कॅल्क्युलेशंस करने के बाद कंप्यूटर की मदद से ऐसा मॉडल (Computer imagery) जापान के शोधकर्ता Naoki Yoshida के द्वारा तैयार किया गया जिससे ये अनुमान लगाया जा सकता हे की तारो का जन्म और उत्पत्ति कैसे हुई होगी । जो मेने ऊपर दर्शाया हे ।(तारे क्यों चमकते हैं))
आखिर तारे क्यों चमकते हैं?
तारे क्यों चमकते हे इस बात का जवाब जानने के लिए आपको समझना होगा की तारे की संरचना क्या हे । तारे की संरचना समझने के लिए उत्तम उदहारण सूर्य हो सकता हे ।
तारे वास्तव में सूर्य हैं जैसे हमारा सूर्य वास्तव में एक तारा है। यदि आप आकाशगंगा में बहुत दूर गए और हमारे सूर्य को देखा, तो यह बिल्कुल एक सामान्य तारे की तरह दिखाई देगा। यह पता लगाने के लिए कि तारे क्यों चमकते हैं, आपको अनिवार्य रूप से यह जानना होगा कि सूर्य किस चीज से बना है।

तारे चमकते हुए प्लाज्मा (एक आयनित गैस जिसमें धनात्मक आयन और मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं)के विशाल गोले हैं जो इतने गर्म हैं की पृथ्वी पर एवरेज गर्म तापमान(15 डिग्री सेल्सियस) तो इसके सामने कुछ भी नहीं हे । हमारे सूर्य जैसे तारे की सतह लगभग 5505 डिग्री सेल्सियस ठंडा हे ,लेकिन इसका अंतर्भाग(Core) सबसे गर्म स्थान है । जो लगभग 15 मिलियन डिग्री सेल्सियस है ।
तारे मूल रूप से अपने गुरुत्वाकर्षण और अपनी परमाणु संलयन (न्यूक्लिअर फ्यूज़न ) प्रक्रिया से एक साथ जुड़े रहते हैं । जिसकी वजह से अपनी ऊर्जा और प्रकाश बाहर की तरफ फेंकते हे । (तारे क्यों चमकते हैं?)
कुछ तारे बहुत बड़े होते हे और कुछ छोटे भी होते हे । तारो का आकार और उसकी चमक उसका जीवनकाल तय करती हे । कई बार छोटे तारे का जीवनकाल कम होता हे क्यूंकि वह अपनी ऊर्जा को जलाने में ज्यादा समय लेते हे । जब की कई बार ये ज्यादा चमक वाले होते हे जिससे उनकी ऊर्जा जल्दी भी ख़त्म हो जाती हे । लेकिन अक्सर ऐसा देखा जाता हे की बड़े तारो का जीवनकाल छोटा होता हे ।
हमारा सूर्य एक मध्यम कद का तारा है। अनुमान बताते हैं कि हमारा सूर्य अपने जीवनकाल से केवल आधा ही है। लेकिन इसके जीवनकाल में अभी भी अरबों वर्ष बाकि हैं। (तारे क्यों चमकते हैं?)
परमाणु संलयन(nuclear फ्यूज़न ) की प्रक्रिया इतनी बड़ी मात्रा में गर्मी पैदा करने की शक्ति रखती है ये जो ऊर्जा पैदा करती है वह लाखों वर्षों से तारे के अंदर फंसी हुई है और यह लगातार बाहर निकलने की कोशिश करती रहती है । ये ऊर्जा बाहरी सतह पर आती हे और प्रकाश और solar wind के रूप में बाहर निकलती हे ।

इसी तरह की प्रक्रिया सभी तारो में होती हे । ये तारो का प्रकाश गति करता हे जब तक ये कही पर टकरा न जाये । जब हम आकाश में देखते हे तो यह प्रकाश हमारी आँखों में पड़ता हे और हमें तारे चमकीले नजर आते हे । (तारे क्यों चमकते हैं?)
तारे किसके प्रकाश से चमकते हैं? तारे किसकी रोशनी से चमकते हैं? सितारों की जगमगाहट के पीछे कारण क्या है?
(तारे क्यों चमकते हैं in hindi) तो अगर आसान भाषा में समझे की तारे क्यों चमकते हैं? तो इसका जवाब ये हुआ की तारे चमकते हैं क्यूंकि तारे ऊर्जा का एक पावरहाउस हैं जो इसके अंतर्भाग में होने वाली नुक्लिअर फ्यूज़न प्रक्रिया से पैदा होने वाली ऊर्जा को प्रकाश के स्वरुप में ब्रह्माण्ड में फेकता हे । जिसे हम पृथ्वी पर अपनी आँखों से देखते हे और ये हमें चमकते हुए नजर आते हे ।
जब हम रात के आकाश को देखते हैं और अरबों तारे चमकते हुए दिखाई देते हे तब सितारों की संख्या और सितारों की चमक इस बात पर निर्भर करेगी कि आप ग्रह पृथ्वी पर कहाँ रहते हैं ।
जो लोग शहरों में रहते हैं, उनके लिए बहुत सारी चमकदार रोशनी होती है और यह आपको कई सितारों को देखने से रोकता है। लेकिन जो लोग ग्रामीण इलाकों में रहते हैं, वे बहुत अधिक तारे देख सकते हैं। कम प्रकाश प्रदूषण के कारण।
तारे क्यों टिमटिमाते हैं ?
तारे क्यों चमकते हैं? इसके आलावा और एक सवाल भी अक्सर पूछा जाता हे की तारे आसमान में क्यों टिमटिमाते हैं? या क्यों टिमटिमाते हैं तारे? और नहीं टिमटिमाते हे ग्रह और सूर्य ? इसके पीछे कई परिकल्पना और अनुमान लगाया गया हे ।
एरिस्टोटल(famous greek philosopher) ने अपने समय में तारे के बारे में ये तर्क दिया था की तारे इसलिए टिमटिमाते हे क्यूंकि तारे बहुत दूर होते हे लोगो को अपनी द्रस्टी को खींचना पड़ता हे । जिससे उनकी दृष्टि डगमगा जाती हे । जिससे सितारे टिमटिमाते हुए नजर आते हे । लेकिन उस समय ये बता पाना काफी मुश्किल था । उसके बाद पहले के समय में कई विज्ञानिको ये भी अनुमान लगाया था की ये इसलिए होता हे क्यूंकि तारे हिरे की तरह घूमते हे ।
लेकिन पिछली सदी में 2 परिकल्पना प्रचलित थी । जिसमे से पहली परिकल्पना का कहना था की इसका कारण पृथ्वी का वातावरण हे । क्यूंकि तारो का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल की सभी परतो में से गुजर कर आता हे ये प्रकाश वायुमंडल की परत के तापमान और घनत्व पर निर्भर कोण से अपवर्तित या मूडता हे । (तारे क्यों चमकते हैं?)

ऊपर दिखाई आकृति में प्रिज़न वायुमंडल की तरह काम करता हे । और उसमे डाली गयी प्रकाश की सफ़ेद किरण तारे की प्रकाश की किरण हे ।
कम-आवृत्ति प्रकाश उच्च आवृत्ति प्रकाश की तुलना में एक छोटे कोण पर अपवर्तित होता है, इसलिए प्रकाश के विभिन्न रंग अलग-अलग पथों की यात्रा करते हैं। हमारे वायुमंडल की हवा घूमती रहती हे । जिससे प्रकाश अपना मार्ग बदलता रहता हे । ये प्रकाश विभिन्न पथो से मुड़कर केंद्रित होता हे इसलिए देखते वक्त तारे के आकर , चमक में तेजी से परिवर्तन दीखता हे ।
दूसरी परिकल्पना ये थी की हमारे सौरमंडल के बाहर वायु के बादल हे जो उसी तरह प्रकाश में बाधा डालते हे जैसे पृथ्वी का वातावरण । पृथ्वी के करीब की वस्तुएं, जैसे सूर्य, टिमटिमाती नहीं हैं क्योंकि उनके प्रकाश को बादलों से होकर नहीं गुजरना पड़ता है जैसे कि तारों का प्रकाश करता है। (तारे क्यों चमकते हैं?)
लेकिन इस को साबित करने के लिए एक ही चीज की जा सकती थी । पृथ्वी के वातावरण के बाहर अंतरिक्ष में तारो का अवलोकन करने से पता किया जा सकता था की दोनों में से कोनसी परिकल्पना सच हे ।
Apollo 7 mission के दरमियान बिलकुल वही किया गया । इस मिशन के दरमियान एस्ट्रोनॉट ने अंतरिक्ष में तारो का अवलोकन किया जिससे पता चला की तारे पृथ्वी के वायुमंडल के बाहर अंतरिक्ष में टिमटिमाते नहीं हे । और उन्होंने ये तथ्य प्रकाशित भी किया ।
तो आप भी तारे क्यों टिमटिमाते हैं ? इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे हे तो इसका जवाब हे पृथ्वी का वायुमंडल । सितारों में से आता हुआ प्रकाश सीधा गति करने के बजाय वातावरण के सभी स्तरों के असर से अपवर्तित होता हे या मुड़ता हे । जिससे सितारों में से प्रकाश मार्ग बदलते हुए हमारी आँखों में पड़ता हे परिणाम स्वरूप तारा टिमटिमाता हुआ दीखता हे ।
जब की सूर्य , चाँद और गृह तारो की बराबरी में बहुत ज्यादा नजदीक हे इसलिए पृथ्वी के वातावरण के असर से टिमटिमाते हुए नजर नहीं आते हे । जब की तारे दूर होने के कारण एक छोटे बिंदु में से प्रकाश फेकते हे जो टिमटिमाते हुए नजर आते हे । (तारे क्यों चमकते हैं?)
ये सवाल भी लगातार पूछा जाता हे की तारे रात में क्यों चमकते हैं या क्यों तारे दिन में नहीं चमकते हैं ?
इसका आसान भाषा में जवाब हे की तारे पृथ्वी से बहुत दूर हे इसलिए इनका प्रकाश पृथ्वी पर इतना कम आता हे की ये रात को आकाश में एक बिंदु की तरह दीखता हे ।
सूर्य भी एक तारा ही हे लेकिन ये पृथ्वी से तारो की बराबरी में काफी नजदीक हे । इसलिए सूर्य का प्रकाश इतना ज्यादा पृथ्वी पर पहुँचता हे की ये दिन में पृथ्वी को प्रकाशित कर देता हे । इसलिए दिन में हमारी आँखों को सूर्य के प्रकाश के सामने तारे नहीं नजर आते हे और रात को सूर्य की गैरहाजरी में तारे दिखाई देते हे ।(तारे क्यों चमकते हैं?)
Conclusion
तो केसा लगा आर्टिकल । आशा करता हूँ आपको समझ आ गया होगा की आखिर तारे क्यों चमकते हैं? और इसके पीछे क्या कारण हे ।
आज के ब्लॉगपोस्ट में हमने देखा की सितारे क्या होते हे ? कैसे महाविस्फोट के बाद इनकी उत्पत्ति हुई । हमने प्रकाश के युग के बारे में जाना । हमने ये भी जाना की जो हम तारे आकाश में इस समय देखते हे वह उनकी वर्तमान दिखावट नहीं हे पर ये भूतकाल में ऐसे दीखते थे ।
हमने बाद में तारो की बनावट और उसकी रचना की भी बात की । हमने तारो की चमक के पीछे के कारण को भी जाना ।
और अंत में हमने ये भी जाना की तारे क्यों टिमटिमाते हे ? और इसकी परिकल्पनाएँ जिसके ऊपर वैज्ञानिको में वादविवाद थे ।
हमने आखिर में ये भी जाना की तारे रात में ही क्यों चमकते हे और दिन में क्यों नहीं ।
आशा करता हूँ आपको तारे के बारे में दिलचस्प जानकारी प्राप्त हुई होंगी । अगर ब्लॉगपोस्ट (तारे क्यों चमकते हैं?) पसंद आया होतो लाइक और कमेंट करे और दोस्तों को ऐसी जानकारी शेयर करे ।
और अंतरिक्ष और विज्ञानं से जुडी जानकारी पढ़ने के लिए निचे दिए गए ब्लॉगपोस्ट जरूर पढ़े । मिलते हे नयी इन्फोर्मटिव ब्लॉगपोस्ट के साथ । धन्यवाद
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