
क्वांटम फिजिक्स क्या है
हेलो दोस्तों , गति, ऊर्जा और बल जैसी प्राकृतिक घटनाओ के नियमो के बारे में आपने पारंपरिक भौतिकशास्त्र यानि की फिजिक्स में जरूर पढ़ा होगा । लेकिन क्वांटम फिजिक्स क्या है? क्या ये आप जानते हे?
अगर आप इसमें रूचि रखते हे और जानना चाहते हे की क्वांटम फिजिक्स क्या है तो मेरे साथ जरूर बने रहिये । क्वांटम फिजिक्स की सभी सहस्यमय और दिलचस्प बातो को जानने के लिए अंत तक जरूर पढ़े । और आप पढ़ेंगे ही क्यों की ये विषय ही काफी दिलचस्प हे ।
और इसका कारण हे की सामान्य भौतिक शास्त्र से बिल्कुल विपरीत है । क्वांटम फिजिक्स क्या है तो ये एक ऐसी अजीब दुनिया हे जहा पे पदार्थ वास्तविक दुनिया की चीजों से पूरी अलग तरीके से काम करते हे । ये पारंपरिक भौतिकशास्त्र से एकदम अलग हे ।
आज के इस ब्लॉग को अंत तक आप जानेंगे की क्वांटम फिजिक्स क्या है और इसके सभी पदार्थ और घटनाए क्या हे और कैसे काम करती हे ।
1. क्वांटम फिजिक्स क्या है या क्वांटम भौतिकी या क्वांटम मिकेनिक्स क्या हे ?
Quantum mechanics in Hindi
क्वांटम यांत्रिकी क्या है या क्वांटम फिजिक्स क्या है ? क्वांटम फिजिक्स वो विज्ञान हे जो परमाणु और उपपरमाणु के स्तर पर प्रकाश और पदार्थ के व्यव्हार का अध्ययन करता हे । जिससे ये पता चल सके की प्रकृति के निर्माण के खंड छोटे से छोटे स्तर पर कैसे व्यव्हार करते हे ।
क्वांटम थ्योरी क्या है ये आधुनिक भौतिकशास्त्र का सैद्धांतिक आधार है जो परमाणु और उप-परमाणु स्तर पर पदार्थ और ऊर्जा की प्रकृति और व्यवहार की व्याख्या करता है ।
क्वांटम फिजिक्स को हिंदी में क्या कहते हैं? क्वांटम यांत्रिकी या क्वांटम भौतिकी भी कहते हे ।
सरल शब्दों में क्वांटम भौतिकी क्या है? ये भौतिक विज्ञान का उपक्षेत्र हे जो सभी अणुओ ,परमाणु और इनके घटक जैसे प्रोटोन , इलेक्ट्रान , न्यूट्रॉन और फोटोन जैसे अन्य अणु के व्यवहार का वर्णन करता हे ।(topic : क्वांटम फिजिक्स क्या है)

यह सूक्ष्म स्तर पर ब्रह्मांड की भौतिकशास्त्र है। क्वांटम भौतिक एक तरह से सभी भौतिक सिद्धांत की नींव हो सकती है, लेकिन क्वांटम यांत्रिकी के परिणाम अक्सर बेहद अजीब और विपरीत होते हैं । और आम लोगो के लिए इसे मानना भी मुश्किल हे ।
जैसे पुरानी यांत्रिकी या फिजिक्स में, वस्तुएं एक विशिष्ट स्थान पर एक विशिष्ट समय पर मौजूद होती हैं। क्वांटम यांत्रिकी में, वस्तुएँ इसके बजाय सम्भावना की धुंध में मौजूद होती हैं; उनके पास बिंदु 1 पर होने का एक निश्चित मौका है, बिंदु 2 पर होने का भी एक मौका और इसी तरह अन्य जगह पर भी ।(topic : क्वांटम फिजिक्स क्या है)
हमारे आसपास की सामग्री , रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और खगोल विज्ञान की मुलभुत समझ में मूल्यवान संसाधन के रूप में क्वांटम स्तर की खोज को शामिल किया गया हे । जिसके कारण लेजर और ट्रांजिस्टर जैसे उपकरणों के साथ साथ एक समय में काल्पनिक जाने वाले क्वांटम कंप्यूटर की टेक्नोलॉजी की वास्तविक प्रगति को सक्षम करती हैं ।
क्वांटम जगत का रहस्य(क्वांटम दुनिया के सिद्धांत)
1.तरंग-कण द्वैत(wave/particle duality):
यह सिद्धांत क्वांटम विज्ञान के शुरुआती दिनों का है। यह उन प्रयोगों के परिणामों का वर्णन करता है जिनसे पता चलता है कि प्रकाश और पदार्थ में कणों या तरंगों दोनों के गुण होते हैं ।
यह इस बात पर निर्भर करता है कि उन्हें कैसे मापा गया। आज हम समझते हैं कि ऊर्जा के ये विभिन्न रूप वास्तव में न तो कण हैं और न ही तरंगें । वे अलग-अलग क्वांटम वस्तुएं हैं जिनकी हम आसानी से अवधारणा नहीं कर सकते हैं।
जिसको आइंस्टाइन के फोटोइलेक्ट्रिक इफ़ेक्ट और पोलीमठ थॉमस यंग के ट्व स्लिट प्रयोग से पता लगाया जा सकता हे।
2.सुपरपोजिशन:
सुपरपोजिशन शब्द का उपयोग किसी वस्तु को एक ही समय में कई संभावित अवस्थाओं के संयोजन के रूप में वर्णित करने के लिए किया जाता है। एक क्वांटम प्रणाली की विशेषता जिससे यह एक ही समय में कई अलग-अलग क्वांटम अवस्थाओं में मौजूद होती है ।(topic : क्वांटम फिजिक्स क्या है)
सुपरपोजिशन में एक वस्तु को एक समीकरण द्वारा दर्शाया जा सकता है जिसमें एक से अधिक समाधान या परिणाम होते हैं । तथ्य यह है कि क्वांटम वस्तुएं एक ही समय में एक से अधिक अवस्थाओं में हो सकती हैं।
उदाहरण के लिए, आप में से अधिकांश ने सीखा है कि एक परमाणु अपने नाभिक (प्रोटॉन और न्यूट्रॉन) और इलेक्ट्रॉनों के बीच अधिकतर खाली स्थान होता है। और आप को ये सवाल भी होगा की वह खाली जगह वास्तव में क्या है?
एक इलेक्ट्रॉन की स्थिति को कभी भी बताया नहीं जाता हे कि वह एक कहां हे, बल्कि इसके बजाय एक संभाव्यता बादल(probability cloud) कहलाता है।(topic : क्वांटम फिजिक्स क्या है)

एक इलेक्ट्रॉन के यहाँ होने की X% और वहाँ पर Y% होने की संभावना है। कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जान सकता है कि जब तक कोई पर्यवेक्षक वास्तव में नहीं देखता है, कि वह कहां है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इलेक्ट्रॉन एक सुपरपोजिशन के रूप में जाना जाता है। (topic : क्वांटम फिजिक्स क्या है)
जैसा कि पहले कहा गया है, इस उप-परमाणु कण में एक तरंग कार्य होता है, जिसका अर्थ है कि यह हर जगह एक साथ मौजूद है। तो, इस “खाली” स्थान के चारों ओर इलेक्ट्रॉन फैले हुए हैं और इस क्षेत्र को इलेक्ट्रॉन बादल के रूप में जाना जाता है।
जर्मन भौतिक विज्ञानी, वर्नर हाइजेनबर्ग ने एक बार समझाया था कि एक निश्चित समय में ब्रह्मांड में किसी वस्तु की स्थिति के बारे में सटीक जानकारी निर्धारित करना असंभव है। क्वांटम दुनिया निर्विवाद रूप से संभाव्यता द्वारा नियंत्रित होती है।
3.अनिश्चितता सिद्धांत(uncertainty principle) :
शब्द ‘अनिश्चितता’, क्वांटम यांत्रिकी के संदर्भ में, आमतौर पर गतिविधि के क्वांटम स्तर पर वास्तव में क्या हो रहा है, इसकी एक अनिवार्य अनजानता का आभास कराता है।
अनिश्चितता सिद्धांत सिद्धांत ये कहता हे की किसी वस्तु के दो गुण, जैसे उसकी स्थिति और वेग, दोनों को एक ही समय में ठीक-ठीक नहीं जाना जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि हम एक इलेक्ट्रॉन की स्थिति को सटीक रूप से मापते हैं, तो हम इसकी गति को इतने सटीक रूप से नहीं जान पाएंगे ।(topic : क्वांटम फिजिक्स क्या है)
ऐसा माना जाता हे की प्रत्येक माप में आवश्यक रूप से क्वांटम कण में बाधा डालता है, जो आगे के किसी भी माप के परिणामों को विकृत करता है।
4.क्वांटम इंटेंगलमेंट (quantum antanglement):
क्या अपने कभी ऐसी घटना के बारे में सुना हे जहा पर दो वस्तु एक दूसरे से काफी दूर अलग होने के बावजूत भी एक दूसरे जुडी हो । यह एक घटना है जो तब होती है जब दो या दो से अधिक वस्तुएं इस तरह से जुड़ी होती हैं कि उन्हें एक प्रणाली के रूप में माना जा सकता है, भले ही वे बहुत दूर हों।

एक बार जब दो कण परस्पर क्रिया करते हैं, तो वे उलझ जाते हैं।
यह एक साथ जुड़े होने जैसा है लेकिन विपरीत रूपों में । यदि आप एक कण को एक सकारात्मक स्पिन के लिए मापते हैं, तो दूसरे जुड़े कण में एक नकारात्मक स्पिन होना चाहिए । दोनों एक दूसरे से अलग दिशा में धूमते हे जैसे एक ही गति से दूर जा रहे हो । (topic : क्वांटम फिजिक्स क्या है)
मान लें कि स्क्रीन पर ये दो बिंदु एक लड़की और एक लड़का स्केटिंग कर रहे हैं और एक दूसरे का सामना कर रहे हैं । जब वे एक दूसरे से धक्का देते हैं, तो वे विपरीत दिशाओं में जाते हैं।
यदि कोई तीसरा व्यक्ति लड़की के वेग और द्रव्यमान को मापता है, तो वे लड़के को देखे बिना उसकी गति को जान जाएंगे।
क्लासिकल भौतिकी इसे संवेग के संरक्षण के रूप में संदर्भित करेगी, लेकिन क्वांटम दुनिया में, यह अधिक उलझी हुई गति की तरह है। आइंस्टीन ने एक बार Entanglement को “दूरी पर डरावनी घटना” के रूप में संदर्भित किया था।
कण दूसरे कण के बारे में तुरंत प्रभावी ढंग से कुछ जान सकता है, भले ही वे दो कण एक दूसरे से दूर ब्रह्मांड में अलग दुनिया में हों । इसे क्वांटम टेलीपोर्टेशन के रूप में भी जाना जाता है।(topic : क्वांटम फिजिक्स क्या है)
आइये क्वांटम फिजिक्स क्या है जानने के बाद क्वांटम फिजिक्स की शुरुआत और इतिहास के बारे में थोड़ा जानते हे ।
2. क्वांटम फिजिक्स की शुरुआत और इतिहास
1600 से परंपरागत फिजिक्स की शुरुआत हुई । आइज़ैक न्यूटन ने दुनिया को समझने के लिए सरल रूप में कई सिंद्धांत दिए । पर ये सिद्धांत इतने सरल और दिलचस्प थे की लोगो को कभी ये एहसास नहीं हुआ की भौतिक विज्ञानं के इस सिद्धांत भी कभी गलत हो सकते हे ।(topic : क्वांटम फिजिक्स क्या है)

इन पुराने भौतिक शास्त्र की रूप रेखा में विद्युतचुम्बकत्व से लेकर आइंस्टाइन का सामान्य सापेक्षता(general relativity) के सिद्धांत बंध बैठता था । 1900 में एटम यानि की परमाणु का विचार आया ।
जिसमे रूथरफोर्ड ने तत्वों की परमाणु संरचना का प्रस्ताव रखा । उसके मॉडल के अनुसार एक परमाणु का धनात्मक आवेश और अधिकांश द्रव्यमान अत्यंत कम मात्रा में केंद्रित होता है। उन्होंने परमाणु के इस क्षेत्र को नुक्लियस कहा । और हलके कण जैसे की इलेक्ट्रान इस नुक्लियस के आसपास परिक्रमा करते हे । जिसके बारे में हम आज भी पढ़ते आ रहे हे ।
क्वांटम भौतिकी कब शुरू हुई? क्वांटम भौतिकी का क्षेत्र 1800 के दशक के अंत और 1900 की शुरुआत में परमाणुओं के प्रायोगिक अवलोकनों की एक श्रृंखला से उत्पन्न हुआ, जो शास्त्रीय भौतिकी के संदर्भ में सहज ज्ञान युक्त नहीं थे।
क्वांटम का मतलब क्या होता है? 1900 में जर्मन सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी मैक्स प्लैंक ने एक साहसिक सुझाव दिया। उन्होंने माना कि विकिरण ऊर्जा लगातार नहीं, बल्कि क्वांटा नामक असतत पैकेट में उत्सर्जित होती है।



मैक्स प्लैंक, नील्स बोहर, अल्बर्ट आइंस्टीन और अन्य जैसे लोगों की वजह से , बीसवीं शताब्दी के अंत में, क्वांटम यांत्रिकी ने अंततः लोकप्रियता हासिल करना शुरू कर दिया।(topic : क्वांटम फिजिक्स क्या है)
इसका मतलब है कि लोगों ने उन चीजों को समझने की कोशिस करना शुरू कर दिया जो हमारी नग्न आंखों से नहीं देखी जा सकतीं। मनुष्य धीरे-धीरे यह समझने लगे थे कि चीजों के काम करने के तरीके के लिए बहुत, बहुत छोटे कण जिम्मेदार थे।
बुनियादी खोजों में यह अहसास था कि पदार्थ और ऊर्जा को असतत पैकेट, या क्वांटा के रूप में माना जा सकता है, जिनके साथ न्यूनतम मूल्य जुड़ा होता है। (topic : क्वांटम फिजिक्स क्या है)
“क्वांटम” “क्वांटा” का एकवचन है, जिसका अर्थ है “टुकड़े”। इसका उपयोग किसी चीज़ की न्यूनतम मात्रा के माप के रूप में किया जाता है, जैसे कि ऊर्जा, जो किसी चीज़ के पास हो सकती है । नील्स बोहर और मैक्स प्लैंक को अक्सर क्वांटम भौतिकी के संस्थापक पिता के रूप में जाना जाता है, और दोनों को क्वांटा पर उनके काम के लिए नोबेल पुरस्कार मिला।
उनके ठीक बाद में आइंस्टीन हैं जिन्होंने प्रकाश विद्युत प्रभाव के अपने सिद्धांत में प्रकाश को क्वांटा के रूप में वर्णित किया है। इसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार भी मिला था ।(topic : क्वांटम फिजिक्स क्या है)
3. क्वांटम फिजिक्स और क्लासिकल फिजिक्स में क्या अंतर है
सबसे पहले आपको ये समझने की जरुरत हे की क्लासिकल फिजिक्स वो विज्ञान हे जो सहज दृश्य यानि की नग्न आँखों से दिखने वाली चीजों के व्यवहार का वर्णन करता हे । जिनका वेग प्रकाश की गति की तुलना में कम होता हे ।
जब की क्वांटम फिजिक्स सूक्ष्म पदार्थ जैसे उप-परमाणु कणों, परमाणुओं और अन्य छोटे अणुओं के व्यवहार का वर्णन करता है । दोनों का महत्व आज के समय में एक जैसा ही हे । क्वांटम फिजिक्स के कई सिद्धांत क्लासिकल फिजिक्स के सिद्धांत पर सवाल उठाता हे लेकिन क्वांटम फिजिक्स के कई रहस्यों के बारे में हमें अभीतक पूरी जानकारी नहीं हे ।
क्वांटम सूक्ष्म पदार्थो की गहराई को पहचानने की कोशिश करता हे इसलिए इसे सभी दृश्य पदार्थो पर भी लागु किया जा सकता हे जिन सूक्ष्म कण से ये पदार्थ बने हे । लेकिन क्लासिकल फिजिक्स को उन सूक्ष्म प्रणालिओं पर लागु नहीं किया जा सकता हे । क्यूंकि ये सिर्फ दृश्य पदार्थो के व्यव्हार को दर्शाता हे ।(topic : क्वांटम फिजिक्स क्या है)
आज भी क्लासिकल फिजिक्स के कई सिद्धांत हे जिन्हे व्यावहारिक विज्ञान में उपयोग किया जाता हे । जिसका विकास काफी समय से होता रहा हे इसलिए ये एक काफी विकसित क्षेत्र हे । जब की क्वांटम फिजिक्स अभी भी विकासशील क्षेत्र हे ।
जैसे मेने बताया क्लासिकल फिजिक्स के सिद्धांत व्यावहारिक रूप से उपयोगी हे । जब की क्वांटम फिजिक्स के सिद्धांत जैसे ऊर्जा परिमाणीकरण और अनिश्चितता मूलधन उपयोगी नहीं होते हैं ।
तो दोस्तों आज के लिए बस इतना ही । आशा करता हूँ आपको समझ आगया हो गए की क्वांटम फिजिक्स क्या है और उसके रहस्य्मय दुनिया के सिद्धांत क्या कहते हे । आज के ब्लॉगपोस्ट में हमने यही जाना की क्वांटम मेकेनिक्स क्या हे उसकी शुरुआत कैसे हुआ और इसके मुख्य सिद्धांत कोन से हे ।
ऐसे ही विज्ञानं की और बातो की जानकारी के लिए sciencegyani ब्लॉग पढ़ते रहिये जिसमे में आपके लिए नयी नयी विज्ञानं से जुडी जानकारी पूरी विगत के साथ लेके अत रहता हूँ । अगर ब्लॉगपोस्ट पसंद आए लाइक कीजिए और तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताइए । अपने दोस्तों के साथ ऐसी जानकारी जरूर शेयर करे । धन्यवाद
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