
कम्प्यूटर का इतिहास
कंप्यूटर का उपयोग तो आप सब लोग जानते ही होंगे। कम्प्यूटर सूचनाक्रांति (information revolution) में सबसे बड़ा साधन माना जाता हे। कम्प्यूटर का इतिहास में हम कंप्यूटर के अविष्कार से पहले कोन कोन से अविष्कार हुए। कम्प्यूटर के आईडिया का कैसे जन्म हुआ और उसके पीछे क्या इतिहास हे कम्प्यूटर के पहले केल्क्युलेटर का आविष्कार कैसे हुआ ये हम क्रमशः जानने की कोशिश करेंगे। आइये जानते हे।
अगर हमकम्प्यूटर का इतिहास के बारेमे बात करे तो कम्प्यूटर का इतिहास लगभग ३ से ४ हज़ार वर्ष पुराना हे। कम्प्यूटर को बनाने का मुख्य हेतु आंकड़ों की गिनती के लिए था। जिसे आज के समय में केलक्यूलेटर के नाम से जाना जाता हे। लेकिन आज के समय में कम्यूटर में सभी तरह काम किये जा सकते हे। और आम इंसान की ज़िंदगी को कंप्यूटर ने आसान बना दिया हे। चलो तो इसके इतिहास के बारे में जानते हे।
1.कम्प्यूटर का इतिहास में Abacus/अबेकस :
कम्प्यूटर का इतिहास में सबसे पहले अबेकस का अविष्कार चीन में हुआ था ऐसा माना जाता हे । और उसका उपयोग केवल गिनती के लिए किया जाता था। ये लकड़ी से बनी फ्रेम के द्वारा बना हुआ होता था। और उस फ्रेम के अंदर वायर को लगाया जाता था। और उस वायर के अंदर मोती को पिरोया जाता था। जो गिनती के लिए काम में आता था और इसलिए इसे काउंटिंग फ्रेम (counting frame) भी कहा जाता हे।

वायर में जो मनके पिरोये जाते हे उनसे गिनती की जाती थी। आजकल जो छोटे बच्चे होते हे उनको शुरुआत में गिनती सिखाने के लिए इसी अबेकस या काउंटिंग फ्रेम का उपयोग स्कूल में किया जाता हे। जिसका अविष्कार २००० BC और १००० BC के बिच में हुआ था ऐसा माना जाता हे। और जापानी लोग इसे सारोबान के नाम से भी जानते हे।
2.Napier’s bones/नेपियर’स बोन्स(1617):
कम्प्यूटर का इतिहास में ईस्वीसन 1617 में नेपियर’स बोन्स का आविष्कार जॉन नेपियर ने स्कॉटलैंड में किया था। जॉन नेपियर स्कॉटलैंड में एक गणितज्ञ (mathematician) और धार्मिक लेखक(theological writer) था। 1617 में जॉन नेपियर ने जो यंत्र बनाया उसे नेपियर बॉन’स के नाम से जाना जाता हे। ये यंत्र जोड़ (addition) , घटाव (subtraction) , दशमलव (decimal) की संख्याओं की गणना(calculation) कर सकता था।

इसे इसु क्रिस्ट के जन्म के बाद की पहली कॅल्क्युलेटिंग यंत्र मानी जाती हे। अबेकस का उपयोग सिर्फ गिनती करने के लिया किया जाता था लेकिन नेपियर बोन’स का उपयोग जोड़ , घटाव , दशमलव की संख्याओं की कॅल्क्युलेशन करने के लिया किया जाता था।
3.पास्कलाइन/Pascaline(1642):
कम्प्यूटर का इतिहास में नेपियर बोन’स के लगभग १०-२० साल बाद फ्रांस के वैज्ञानिक “ब्लेज़ पास्कल” ने 1642 में पास्कलाइन का अविष्कार किया।पास्कलाइन विश्व का सब से पहला मेकेनिकल कॅल्क्युलेटर था। इस यंत्र के मदद से हम जोड़ (addition) और घटाव (subtraction) दोनों कर सकते थे। और इसी लिए इस मशीन को एडिंग मशीन (adding machine) या अरिधमेटिक मशीन (arithmetic machine) भी कहा जाता हे।

पर पास्कलाइन को भी बेहतर बनाने की ज़रूरत पड़ी। और इसी लिए उस को बेहतर बनाने में 50 साल का वक्त लग गया। जिसके बारे में हम आगे जानते हे। कम्प्यूटर का इतिहास
4. लेबनीज़ व्हील/Leibniz wheel(1694) :
कम्प्यूटर का इतिहास में ईस्वीसन 1694 में पास्कलाइन को बेहतर बनाया गया जिसका श्रेय जर्मन गणितज्ञ लेबनीज़ को जाता हे। लेबनीज़ ने पास्कलाइन को बेहतर बनाकर जो मशीन बनाया उसको लेबनीज़ व्हील (Leibniz wheel) के नाम से जाना जाता हे।लेबनीज़ व्हील जोड़(addition) ,घटाव(subtraction) , गुणाकार(multiplication) , भागाकार (division) जैसी कॅल्क्युलेशन कर सकती थी।

लेबनीज़ व्हील के बाद कई बड़ेबड़े बदलाव देखने को मिले। जीसके बारे में आगे जानते हे।
5.Difference engine Analytical engine /डिफ्रेंस इंजन or एनिलिटिकल इंजन (1822 and 1833) :
कम्प्यूटर का इतिहास में लेबनीज़ व्हील के बाद अँग्रेज़ गणितज्ञ चाल्स बाबेज (Charles Babbage) 1822 में डिफरेंस इंजन बनाया। लेकिन चाल्र्स बैबेज डिफरेंस इंजन में पूरी तरह से सफल नहीं हो पाए।

लेकिन चाल्र्स बाबेज ने हार नहीं मानी और उसे बेहतर बनाने की कोशिश करते रहे। 1833 में चाल्स बाबेज ने डिफरेंस इंजन का विकसित रूप बनाया इसको एनिलिटिकल इंजन (analytical engine) के नाम से जाना जाता हे।
एनालिटिकल इंजन में चाल्स बाबेज ने एक प्रोसेस यूनिट (Process unit) बनाई। इस प्रोसेस यूनिट का काम किसी भी दिए गए काम को करना था। और ये प्रोसेस यूनिट दिए गए इनपुट के अनुसार काम करती थी। और प्रोसेस यूनिट को काम करने के लिए कोडिंग बहुत ज़रूरी थी।

एनालिटिकल इंजन दिए गए निर्देशों के अनुसार काम करता था। इस एनालिटिकल इंजन के लिए कोडिंग या प्रोग्रामिंग उस समय की गणितज्ञ महिला ऐडा अगस्ता (Ada augusta) ने की। ये पहली विश्व की ऐसी मशीन थी जिसमे प्रोग्रामिंग की गई। और ये एनालिटिकल इंजन विश्व का पहला प्रोग्रामिंग कंप्यूटर केहलाया। और ऐडा ऑगस्टा को पहली महिला प्रोग्रामर का दर्जा दिया गया। ऐडा ऑगस्टा के नाम से ऐडा नाम की प्रोग्रम्मिंग लैंग्वेज भी प्रसिद्ध हे। एनालिटिकल इंजन इतना प्रसिद्ध हुआ के चाल्र्स बाबेज को विश्व में कंप्यूटर के पिता (FATHER OF COMPUTER) के नाम से जाना जाता हे।
6.1801 से 1924 तक का समय :
कम्प्यूटर का इतिहास में computer का नाम देखा जाये तो ग्रीक भाषा में से लिया गया हे। और इसको इंग्लिश भाषा मे भी उपयोग किया जाने लगा। इसका मतलब होता हे गणना करने वाला यंत्र।
एनालिटिकल मशीन के अविष्कार के पहले जोसफ जक्वार्ड (joseph jacquard) नाम के एक फ्रेंच वेपारी थे जो कपड़ा बुनने का काम करते थे। उन्होंने लगभग 1801 में लूमिंग मशीन बनाई (कपड़ा बुनने वाली मशीन)। और जिसको जेकार्ड लूमिंग मशीन कहा गया। इस मशीन के द्वारा कपडे के पैटर्न को मशीन की मदद से कपडे के ऊपर बहुत ही जल्दी से बूना जाता था। और कपडे की बुनाई का काम अपने आप से ही होता था क्यूंकि ये प्रोग्रामेबल लुमिंग मशीन था।

लगभग 1890 में अमेरिका में डॉ. हरमन हॉलेरिथने (Herman Hollerith) एक मशीन बनाई जिसको टेबुलेटिंग मशीन(tabulating machine) कहते हे। टेबुलेटिंग मशीन के साथ उन्होंने पंचकार्ड का अविष्कार किया। टेबुलेटिंग मशीन का उपयोग 1890 में ही जनगणना(Census) करने के काम में लिया। जनगणना को पहले १० साल लग जाते थे अब उसको टेबुलटिंग मशीन के द्वारा तीन साल ही लगे। डॉ. हरमन हॉलेरिथ इससे बहुत ज्यादा खुश हुए और उन्होंने 1896 में एक कंपनी बनाई। और इस कंपनी में पंच कार्ड को बनाना चालू किया। इस लिए डॉ. हरमन हॉलेरिथ को पंचकार्ड का पिता कहा जाता हे।

और यही कंपनी 1924 में IBM के नाम से जानी गयी। IBM का विस्तृत श्वरूप (full form) इंटरनेशनल बिज़नेस मशीन हे। IBM कम्प्यूटर का इतिहास में विश्व में सबसे ज़्यादा PC (personal computer ) बनाने वाली कंपनी हे।
7. 1931 से 1953 तक का समय :
वैन्यूअर बुश ने (Vannevar Bush) 1931 में डिफ्रेंशिअल एनालाइजर को बनाया।डिफ्रेंशिअल एनालाइजर जो बनाया गया वो आज के एनालॉग कम्प्यूटर (analog computer) की तरह काम करता था।

1930 के बाद कई नए नए बदलाव हुए और कंप्यूटर के खेत्र में दुनिया ने विकास किया। और उसके बाद 1939 में बहोत बड़ा बदलाव अय्या। अमेरिका के हावर्ड यूनिवर्सिटी(Howard university) के स्टूडेंटस और शिक्षको ने कॉम्पूटरके बारे में एक आईडिया दिया। उस आईडिया पर काम करे के लिए हावर्ड यूनिवर्सिटी ने कई कंपनी को आमंत्रित किया। लेकिन कोई उस आईडिया पर काम करने के लिए तैयार नहीं था । अंत में एक कंपनी ने उस आईडिया के ऊपर काम करने की तैयारी बताई और वो कंपनी थी आजकी IBM कंपनी। IBM और हॉवर्ड यूनिवर्सिटी ने मिलकर विश्व का सबसे पहला विध्यूत यांत्रिक कंप्यूटर (electronic mechanical computer) बनाया।
ये जो कंप्यूटर बना वो लगभग 1944 में बनकर तैयार हुआ। और इस कंप्यूटर को मार्क 1 (mark one) नाम दिया गया।

इसके बाद कंप्यूटर का दौर सुरु हो गया और एनियक कंप्यूटर (ENIAC) बनाया गया। ये कंप्यूटर 1941 से लेकर 1946 तक के समय में तैयार हुआ। ये जो कम्प्यूटर था वो पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था और इसमें प्रोग्रम्मिंग भी की गयी थी। जिसका फुल फॉर्म Electronic Numerical Integrator and Computer हे। और ये कंप्यूटर एक कमरे के बराबर था। इस कंप्यूटर को यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेंसिल्वेनिया (University of Pennsylvania) में बनाया गया।

1945 में एक गणितज्ञ जिसका नाम था जॉन वॉन न्यूमन(john von neumann) उन्होंने एक कॉसेप्ट दिया जिसके आधार पर आज के सभी कंप्यूटर काम करते हे। और इस कॉसेप्ट को कहते हे स्टोर्ड प्रोग्राम कांसेप्ट (stored program concept)। और ये कांसेप्ट में कहा गया के कोई भी कम्प्यूटर तभी काम करेगा जब कोई उसमे इनपुट(input) देगा और इस इनपुट(input) पे प्रोसेस(process) होगी और प्रोसेस होने के बाद उससे आउटपुट(output) मिलेगा। और इस प्रोसेस में memory का ही उपयोग होगा।
जॉन वॉन न्यूमन के कांसेप्ट पर आधारित पहला कंप्यूटर बनाया गया जो एड्सक (EDSEC) के नाम से जाना गया जिसका विस्तृत स्वरुत “Electronic Delay Storage Automatic Calculator” होता हे। जो की एक इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था।

उसके बाद कम्प्यूटर का इतिहास में 1953 में एक नया कंप्यूटर इसी कांसेप्ट के ऊपर बना जो UNIVAC I (युनिएक वन) था। जिसको जॉन एकर्ट (john eckert) और जॉन मैक्ली (john mauchly) ने मिलकर बनाया। और ये पहला डिजिटल(digital ) कंप्यूटर था। और इस कंप्यूटर को बाजार में व्यापारिक काम के लिए भी उतारा गया।

तो इस तरह से कम्प्यूटर का इतिहास में अबेकस से लेकर के युनिएक तक कंप्यूटर का विकास हुआ। युनिएक वो पहला कंप्यूटर था जिसको व्यवसायी काम के लिए बाजार में बेचा गया। इसके बाद कम्प्यूटर की दुनिया में कई सारे बदलाव आये। कंप्यूटर की जनरेशन बदलती गयी। और कंप्यूटर कद में छोटे होए गए। लेकिन कंप्यूटर के जनरेशन के बारे में हम अगले आर्टिकल में जानेंगे।
आशा करता हु आपको कम्प्यूटर का इतिहास के बारे में काफी कुछ दिलचस्प बाते जानने को मिली होगी। ऐसे ही पढ़ते रहिये जानते रहिये और आपको कम्प्यूटर का इतिहास के बारे में सबसे ज़्यादा दिलचस्प बात कोनसी लगी ? वो कमेंट में बताए . में आपको ऐसी दिलचस्प बाते बताता रहूँगा। धन्यवाद !
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